Gorakhpur News: गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को बड़ा झटका मिला है. कमिश्नर कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की जीत हुई है. अबु हुरैरा मस्जिद गिराने का आदेश रद्द हो गया है. पढ़िए पूरी डिटेल
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Gorakhpur News: अबू हुरैरा मस्जिद को गिराने का आदेश निरस्त हो गया है. कमिश्नर कोर्ट ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को मस्जिद कमेटी की बात सुनने के निर्देश दिए हैं. इससे मस्जिद के वैध होने का रास्ता खुलेगा. इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की अपील को मंजूरी करते हुए रिमांड किया है. यानी जीडीए का ध्वस्तीकरण आदेश निरस्त कर दिया गया है. प्राधिकरण के निर्देश हैं कि मस्जिद कमेटी को अपनी पूरी बात कहने का मौका दिया जाए. उसके बाद कोई आदेश हो. मस्जिद कमेटी ने आदेश से पहले ही ऊपर की दो मंजिलें तोड़ ली हैं.
शमन मानचित्र दाखिल करने पर सहमति
कहा जा रहा है कि मस्जिद कमेटी मस्जिद के ऊपरी दो मंजिल तोड़ने का जिक्र करते हुए मस्जिद का मानचित्र स्वीकृत करने के लिए आवेदन करेगी. उम्मीद है कि शमन मानचित्र दाखिल करने पर सहमति बन जाएगी. इसके बाद मस्जिद का शेष हिस्सा पूरी तरह से वैध हो जाएगा. इसको लेकर विवाद भी खत्म हो जाएगा. 15 फरवरी को जीडीए की ओर से पारित आदेश में घोष कंपनी चौराहा के पास बनी 4 मंजिल अबू हुरैरा मस्जिद को तोड़ने का आदेश दिया था. 15 दिन का समय देते हुए मस्जिद कमेटी से इसे खुद तोड़ने को कहा था.
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कमिश्नर कोर्ट में मस्जिद कमेटी की अपील
ऐसा न करने पर जीडीए ने कार्रवाई की बात की थी. इस आदेश के खिलाफ ही मस्जिद कमेटी ने कमिश्नर कोर्ट में अपील की थी, लेकिन कई तारीखों पर सुनवाई नहीं हुई. 11 मार्च को मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता और अगले दिन जीडीए की ओर से लिखित बहस दाखिल की गई. इस मामले में करीब 8 दिन बाद कमिश्नर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. मस्जिद कमेटी ने कहा था कि 100 वर्ग मीटर से कम भूखंड पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराना अनिवार्य नहीं है. मस्जिद का निर्माण लगभग 60 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में हुआ है.
क्या बोले मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता?
मजिस्द कमेटी के अधिवक्ता जयप्रकाश की मानें तो जीडीए का आदेश आने के बाद ही अपील दाखिल कर दी गई थी. इस मामले में 11 मार्च को लिखित बहस दाखिल की गई. इस मामले में कोर्ट ने रिमांड कर दिया है. मस्जिद कमेटी का पक्ष सुनने का निर्देश जीडीए को दिया है. 10 दिनों में टूट गई ऊपर की दो मंजिल इस कानूनी लड़ाई के बीच मस्जिद कमेटी ने खुद ही मस्जिद को तोड़ना शुरू कर दिया. ऊपर के दो मंजिल को 10 दिनों के भीतर तोड़ लिया गया. 1 मार्च से तोड़ने का क्रम शुरू हुआ और 10 मार्च तक इसे तोड़ लिया गया. आगे की मीनार को भी प्रथम तल पर लगाया गया है. मीनार की लंबाई भी कम की गई है. अब मस्जिद कमेटी बचे हुए हिस्से का शमन कराने की तैयारी में है.