योगी सरकार के 25 मार्च 2025 को सत्ता में आए 8 साल पूरे हो रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार प्रदेश के विकास को लेकर कई योजनाएं चला रही है.
गोरखपुर की पहचान मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के गृह जनपद के तौर पर होती है. इसलिए इस शहर पर सभी की निगाहें रहती हैं. आइए जानते हैं, बीते 8 सालों में गोरखपुर को क्या सौगात मिली हैं.
गोरखपुर में भी आने वाले समय में क्रिकेट फैंस को चौके-छक्कों की बारिश देखने को मिलेगी. यहां गोरखपुर-वाराणसी रोड पर ताल कंदला के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाने की तैयारी है.
गोरखपुर में एयरपोर्ट का विस्तार किया जा रहा है. आने वाले समय में देश ही नहीं बल्कि कुछ नजदीकी देशों के लिए भी यहां से फ्लाइट टेक ऑफ कर सकेंगी.
गोरखपुर को आसपास से जोड़ने वाले जिलों की लगभग सभी रोड फोरलेन से जुड़ चुकी हैं. गोरखपुर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ रहा है. शहर की तंग गलियों को चौड़ी सड़कों में तब्दील किया गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब सांसद थे, तब से गोरखपुर में एम्स जैसे अस्पताल को खोलने की मांग करते रहे. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद गोरखपुर को एम्स की सौगात मिली.
पूर्वांचल में महामारी का रूप ले चुकी इंसेफेलाइटिस की बीमारी का खात्मा करना भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है.
गोरखपुर में पिछले 8 साल में शिक्षा के क्षेत्र में कई काम हुए हैं. यहां सैनिक स्कूल समेत, अटल आवासीय विद्यालय, चार राजकीय इंटर कॉलेज, चार आईटीआई, दो पॉलिटेक्निक की सौगात मिल चुकी है.
गोरखपुर देश के उन चुनिंदा जिलों में शामिल हो चुका है, जहां चार-चार यूनिवर्सिटी हैं और पांचवां विश्वविद्यालय बनने वाला है. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय और निजी क्षेत्र का महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय शामिल है.
गोरखपुर में बंद पड़ी चीनी मिल दोबारा शुरू कराई गई है. इसके अलावा जिले में प्रदेश के पहले स्क्रैप सेंटर, समेत कई एसटीपी का निर्माण हो रहा है. 6 हजार एकड़ में नया गोरखपुर भी बसाया जा रहा है. उपेक्षा का शिकार रहे वनटांगिया गांव को राजस्व गांव की सुविधा मिली है.