गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का काम 10 फरवरी 2020 को शुरू हुआ था. गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर यह फोरलेन एक्सप्रेसवे आजमगढ़ के सलारपुर तक गया है.
91 किलोमीटर लंबे फोरलेन को बनाने में 5 साल और चार महीने का समय लग गया. इस लिंक एक्सप्रेसवे से पूर्वांचल के चार जिलों गोरखपुर, आजमगढ़, संत कबीरनगर और अंबेडकरनगर को रफ्तार मिलेगी.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए आजमगढ़ से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे होते हुए गोरखपुर से लखनऊ पहुंचना आसान हो जाएगा. गोरखपुर से तीन घंटे में राजधानी लखनऊ पहुंच जाएंगे.
खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे पर सफर बोरिंग नहीं होगा. अगर थकावट महसूस होती है तो 25 किलोमीटर पर एक रेस्ट एरिया का निर्माण किया गया है.
91 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर 9 टोल प्लाजा बनाए गए हैं. साथ ही चढ़ने उतरने के लिए 9 रैंप भी बनाए गए हैं. इसके अलावा 2 जनसुविधा परिसर भी बनाया गया है. दो टॉयलेट भी बनाए गए हैं.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर 7 फ्लाईओवर, 8 बड़े पुल और 14 छोटे पुल का भी निर्माण किया गया है. 49 पैदल अंडरपास बनाए गए हैं. 55 छोटे वाहनों के लिए अंडरपास बनाए गए हैं.
गोरखपुर से आजमगढ़ तक बने लिंक एक्सप्रेसवे से विकास की गंगा बहने वाली है. लिंक एक्सप्रेसवे से विकास के साथ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित होगा.
यूपीडा की ओर से बनाए गए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को अंतरराष्ट्रीय सड़क मानक पर खरा पाया गया है. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्ट किया गया है.