प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर-पाटलीपुत्र वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश को बड़ा तोहफा दिया है. इस ट्रेन के शुरू होने से अब बिहार के पाटलीपुत्र और पूर्वांचल के गोरखपुर के बीच यात्रा अधिक तेज और सुरक्षित हो जाएगी.
पूर्वांचल के गोरखपुर से बिहार के पाटलिपु्त्र के बीच 384 किलोमीटर की दूरी अब महज 5-7 घंटे में पूरी की जा सकेगी. गोरखपुर-पाटलिपुत्र वंदे भारत एक्सप्रेस एक हाईस्पीड ट्रेन है जिसको पीएम मोदी ने हरी झंडी दिखाकर शुक्रवार को रवाना किया.
फिलहाल पाटलिपुत्र-गोरखपुर वंदे भारत ट्रेन 110 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलाई जा रही है. यह ट्रेन पाटलिपुत्र से गोरखपुर के बीच की दूरी तय करने में 5 से 7 घंटे का समय लेगी. आने वाले समय में इसकी स्पीड बढ़ाकर 130, 140 और 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक की जा सकती है.
गोरखपुर-पाटलीपुत्र वंदे भारत एक्सप्रेस के स्टॉपेज को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है इसलिए आपको बात दें कि यह ट्रेन गोरखपुर से चलकर बगहा, बापूधाम मोतिहारी, नरकटियागंज, बेतिया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर, होते हुए पाटलिपुत्र पहुंचेगी. पाटलीपुत्र स्टेशन पटना जंक्शन से करीब 12 किमी दूर है.
नई वंदे भारत ट्रेन गोरखपुर से सुबह 5.40 बजे चलेगी और सुबह 7.30 बजे बगहा, 8.03 बजे नरकटियागंज, 08.35 बजे बेतिया, 8.50 बजे सगौली, 9.08 बजे मोतिहारी, 10.50 बजे मुजप्फरपुर, 11.40 बजे हाजीपुर और दोपहर 12.45 बजे पाटलिपुत्र पहुंचेगी. लौटते हुए यह पाटलिपुत्र से शाम में साढ़े 3 बजे चलेगी और रात 11.30 बजे गोरखपुर पहुंचेगी.
नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे की एक्स पोस्ट के मुताबिक 26502 गोरखपुर–पाटलिपुत्र और 26501 पाटलिपुत्र गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस 22 जून 2025 से यात्रियों के लिए नियमित रूप से चलेगी. बस केवल हर शनिवार को नहीं चलेगी.
रविवार 22 जनवरी 2025 से आम जनता के लिए शुरू हो रही इस वंदे भारत एक्सप्रेस में दो तरह के कोच दिये गये हैं. एसी चेयर कार (CC) और एग्जीक्यूटिव चेयर कार (EC). IRCTC के मुताबिक पाटलिपुत्र गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस गोरखपुर से सुबह 5:40 बजे सप्ताह में 6 दिन चलेगी. इसमें चेयर कार का किराया 1060 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 1995 रुपये तय किया गया है.
पाटलिपुत्र गोरखपुर वंदे भारत एक्सप्रेस से पूर्वांचल और उत्तरी बिहार के लोगों को बहुत फायदा होगा. इस ट्रेन से बेतिया, नरकटियागंज और मोतिहारी जैसे छोटे शहरों को कनेक्टिविटी मिलेगी और इन क्षेत्रों में व्यापार, रोजगार और पर्यटना को बढ़ावा मिलेगा.
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