उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे वाला राज्य है. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 17 एक्सप्रेसवे हैं. 6 एक्सप्रेसवे कार्यशील हैं और सात का निर्माण चल रहा है तो वहीं 4 एक्सप्रेस वे पाइप लाइन में हैं.
उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे की बात करें तो गंगा एक्सप्रेस वे यूपी का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जिसकी लंबाई 594 किलोमीटर है. पश्चिमी यूपी के मेरठ से यह पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद तक है. यह देश का पहला एक्सप्रेसवे है जहां लड़ाकू विमान डे एंड नाइट दोनों में लैंडिंग कर सकते हैं.
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे यूपी से पश्चिम बंगाल तक फर्राटेदार सफर प्रदान करने के साथ ही तीनों राज्यों में आर्थिक, औद्योगिक विकास के साथ रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करेगा.
यूपी के गोरखपुर से शुरू होने वाले इस एक्सप्रेसवे का सबसे ज्यादा फायदा बिहार को होगा, क्योंकि यह बिहार के 8 जिलों, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से गुजरेगा.
इस एक्सप्रेसवे से यूपी- बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच सड़क संपर्क तो बेहतर होगा ही, साथा सफर फरार्टेदार और सुविधाजनक भी बनेगा.
यूपी के गोरखपुर से बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक पहुंचने वाले इस एक्सप्रेस की लंबाई 568 किलो मीटर है. जबकि इसकी अनुमानित लागत 37000 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का 73% हिस्सा बिहार में है. और इसकी सौगात जनता को इस साल यानी 2025 के आखिर तक मिल सकती है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.