ग्रेटर नोएडा बिल्डिंग हादसा: शवों की संख्या बढ़कर हुई 9, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
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ग्रेटर नोएडा बिल्डिंग हादसा: शवों की संख्या बढ़कर हुई 9, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

अवैध निर्माण के खिलाफ सीएम को चिट्ठी लिखी गई थी. बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखे जाने के बाद भी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. 

सरकार ने इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताया है और मृतकों के परिवारवालों को दो-दो लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है. (फोटो-एएनआई)

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा (प्रमोद शर्मा): ग्रेटर नोएडा बिल्डिंग हादसे में लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. बुधवार (18 जुलाई) तक रेस्क्यू में 8 शवों को निकाल लिया गया था. वहीं, गुरुवार (19 जुलाई) को मलबे से एक और शव निकाला गया है. मृतकों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है. वहीं, मामले में सीएम योगी ने बड़ी कार्रवाई की है. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के प्रोजेक्ट मैनेजर बी पी सिंह और असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर अख्तर अब्बास जैदी को निलंबित कर दिया गया है. ग्रेटर नोएडा हादसे की जांच मेरठ के डिवीजनल कमिश्नर को सौंपी गई है. एनडीआरएफ की चार कंपनियां मलबा हटाने में जुटी हैं. एनडीआरएफ के मुताबिक, मलबे में दबे लोगों के बचने की संभावना बहुत कम बची है. मलबा को हटाने में अभी कई घंटे और लग सकते हैं. 

 

सरकार ने इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताया है और मृतकों के परिवारवालों को दो-दो लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है. बिल्डिंग हादसे के बाद अब तक पांच लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जिनके खिलाफ NSA लगेगा. हादसे को लेकर एक और बात सामने आई है. अवैध निर्माण के खिलाफ सीएम को चिट्ठी लिखी गई थी. बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखे जाने के बाद भी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. 

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डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया गया है. अवैध निर्माण करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार शिकायतों का परीक्षण कराएगी कि अवैध निर्माण कैसे हुआ. लापरवाही करने वालों पर सरकार एक्शन लेगी. अभी घटनास्थल पर राहत और बचाव का कार्य कराया जा रहा है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पास सबसे तेजी से विकसित हो रहे रियल एस्टेट केंद्र में से एक ग्रेटर नोएडा के गांव शाहबेरी में मंगलवार (17 जुलाई) शाम दो इमारतें ढह गईं. खास बात ये है कि शाहबेरी के जिस इलाके में बड़ी-बड़ी इमारतें बनी हुई हैं, ये इलाका ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी क्षेत्र में आता है. इस इलाके के भूमि अधिग्रहण को सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में रद्द कर दिया था और कोर्ट ने यहां किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी थी. इसके बाद भी यहां बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य जारी हैं. इसमें कई लोगों के मलबे में अभी भी दबे होने की आशंका है. इन इमारतों में एक निमार्णाधीन थी जबकि दूसरी बनकर तैयार हो चुकी थी और उसमें कुछ परिवार रहने भी लगने थे. 

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बचावकर्मी ड्रिलिंग मशीन, हथौड़े और आरी से पत्थर और लोहे की सरियों को काट रहे थे. मलबे में जीवित लोगों की तलाश के लिए जासूसी कुत्तों का भी सहयोग लिया जा रहा है. संकरी गलियां होने की वजह से बचाव कार्य में थोड़ी परेशानी भी आ रही है, जिससे क्रेनों और ड्रिलिंग मशीनों को घटनास्थल पर पहुंचने में परेशानी हुई. बुधवार (18 जुलाई) देर रात तक 8 शवों केो निकाल लिया गया, जिसमें एक महिला राजकुमारी, जिसकी उम्र 50 साल बताई जा रही है और 14 महीने की एक बच्ची का शव बरामद हुआ है. बच्ची का नाम पंखुडी बताया जा रहा है.  राहत और बचाव कार्य में 12 जेसीबी मशीनें और दो पोकलेन मशीनें लगाई गई हैं

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