चर्चित गेस्ट हाउस कांड: 24 साल बाद मायावती ने मुलायम सिंह के खिलाफ वापस लिया केस
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चर्चित गेस्ट हाउस कांड: 24 साल बाद मायावती ने मुलायम सिंह के खिलाफ वापस लिया केस

बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की है. 26 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट से इस को खारिज और वापस ले लिया गया. सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल नंबर 126/2009 को खारिज किया गया.

लोकसभा चुनाव प्रचार को दौरान मैनपुरी में दोनों नेताओं ने मंच साझा किया था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में एक बार फिर से सियासी हलचल शुरू हो गई है. सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बना और नतीजे के साथ ही गठबंधन टूट गया लेकिन एक बार फिर से सपा और बसपा दोनों ही पार्टियां सुर्खियों में आ गई. उत्तर प्रदेश की सियासत के सबसे चर्चित गेस्ट हाउस कांड (Guest house scandal) में मायावती (Mayawati) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh) पर से मुकदमा वापस लेने का शपथ पत्र देकर एक बार राजनीति के गलियारों में सुगबुगाहट को तेज कर दिया है. बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की है. 

जानकारी के मुताबिक, 26 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट से इस को खारिज और वापस ले लिया गया. सुप्रीम कोर्ट में क्रिमिनल नंबर 126/2009 को खारिज किया गया. जानकारी के मुताबिक, इस मामले में सिर्फ मुलायम सिंह के खिलाफ उन्होंने मुकदमा वापस लिया है.

 

इस कांड के बाद से दोनों पार्टियां एक दूसरे के विरोधी हो गई, लेकिन इस लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों नरम दिखें, जो लंबे समय तक मुमकिन नहीं रह सका. बाबरी विध्वंस के बाद 1993 में सपा-बसपा ने गठबंधन कर साथ चुनाव लड़े थे. इसके बाद मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने और गठबंधन सरकार भी बनाई, लेकिन दो साल में ही रिश्तों में खटास आ गई. 

आपको बता दें कि आरोप है कि 2 जून 1995 को लखनऊ के स्टेट गेस्ट हाउस में मायावती के साथ कुछ एसपी नेताओं ने बदसलूकी की थी. इस मामले में मुलायम सिंह यादव, उनके भाई शिवपाल सिंह यादव, बेनी प्रसाद वर्मा और आजम खान सहित कई नेताओं के खिलाफ मायावती की ओर से हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया था. 

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