जिंदाबाद न बुलवाए जाने पर छलका पूर्व CM रावत का दर्द, इन शब्दों में व्यक्त की पीड़ा
जिंदाबाद न बुलवाए जाने पर उनका दर्द छलक आया. जिसमें रावत ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े कर दिए.
देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता हरीश रावत आज कल अपनी ही पार्टी से नाराज नजर आ रहे हैं. इस नाराजगी को कभी मंच से, तो कभी सोशल मीडिया के जरिए बयां कर देते हैं. एक बार फिर उन्होंने अपनी पीड़ा को ट्विटर हैंडल के जरिए लोगों के सामने रखा. इस बार जिंदाबाद न बुलवाए जाने पर उनका दर्द छलक आया. जिसमें रावत ने अपनी ही पार्टी पर सवाल खड़े कर दिए.
"जिंदाबाद न बुलवाए जाने के लायक भी नहीं समझा"
हरीश रावत ने ट्वीट करके लिखा, "उत्तराखंड कांग्रेस ने मुझे सामूहिकता के लायक नहीं समझा है. यह उसी दिन स्पष्ट हो गया था, जब प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्यों व पदाधिकारीयों की पहली बैठक हुई थी, उस बैठक में मंच से पार्टी के शुभंकर महामंत्री संगठन ने 3 बार नेताओं की जिंदाबाद बुलवाई, AICC के सचिवगणों की भी जिंदाबाद लगाई गई. मगर नवनियुक्त AICC महासचिव हरीश रावत को मंच से जिंदाबाद बुलवाने के लायक नहीं समझा गया."
मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने की मांग
रावत ने आगे लिखा, "यदि इन बातों को अलग रखकर भी विचार करें, तो भी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पार्टी हित में होगा. प्रदेश में स्थान-स्थान पर जनआंदोलन हो रहे हैं. राज्य में दो प्रमुख पद हैं, उन जनसंघर्षों को कांग्रेस के साथ जोड़ने के लिए आवश्यक है कि अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष वहां पहुंचे और अन्याय व पीड़ितों जिनमें कांग्रेसजन भी सम्मिलित हैं, उनके मनोबल को बढ़ाएं."
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युवाओं के लिए सीट छोड़ने की बात
पूर्व सीएम ने खुद से युवाओं के लिए सीट छोड़ने की बात करते हुए लिखा, '' हमें युवा हाथों में बागडोर देने के लिये उत्सुक होना चाहिए. पार्टी के भविष्य के लिये जनरेशन चेंज को प्रोत्साहित करना,पार्टी की सेवा है. मैं,अपने को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूं, ताकि अन्य राज्यों और क्षेत्रों में भी यह सिलसिला आगे बढ़ सके."
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