शोएब रजा/हाथरस: जहां एक ओर पीड़िता का परिवार न्याय की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर हाथरस केस के आरोपियों के पक्ष में शुक्रवार को एक भीड़ इकट्ठी हुई जिसने शासन-प्रशासन पर आरोप लगाया कि केस में एक तरफा कार्रवाई हो रही है.


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मृतका के गांव से एक किलोमीटर दूर आरोपियों के पक्ष में जुटी भीड़ ने केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. साथ ही पीड़िता के पिता, भाई और मां का नार्को टेस्ट कराए जाने का मुद्दा उठाया. क्योंकि इस केस में जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है वह इस केस में शामिल नहीं हैं. इलाके में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. 


तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने की पीड़िता के परिवार से मिलने की कोशिश
इस बीच राहुल और प्रियंका के बाद शुक्रवार सुबह तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने मृत पीड़िता के गांव पहुंचकर उसके परिजनों से मुलाकात की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें गांव के बाहर ही रोक दिया. टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की के दौरान जमीन पर गिर गए. 


सपा ने किया लखनऊ में प्रदर्शन
हाथरस में और बलरामपुर  केस को लेकर समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार राजधानी लखनऊ में योगी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा राज्य के अलग-अलग जिलों में सपा कार्यकर्ताओं ने गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर विरोध जताया. लखनऊ में सपा के कार्यकर्ता राजभवन के तरफ कूच करने लगे तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया. पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर कई बसों में भरकर ले गई. 


जानिए क्या है हाथरस की घटना
गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाने क्षेत्र के एक गांव में बीते 14 सितंबर को मवेशियों के लिए चारा लेने खेत गई 19 वर्षीय दलित लड़की को गांव के ही चार युवकों ने अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया था. हैवानों ने युवती के साथ दरिंदगी करने के बाद उसको जान से मारने की नीयत से उसका गला दबाया था, जिससे युवती के गर्दन की हड्डी टूट गई थी. लड़की को पहले अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, फिर हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था. यहां इलाज के दौरान मंगलवार सुबह पीड़िता की मौत हो गई.


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