इस परंपरा का संदेश संसार की बुराइयों को खत्म करना है और हथौड़े के प्रहार से आतंकवाद खत्म करने की भी.
Trending Photos
प्रयागराज : होली की मस्ती के जितने रंग है उतनी ही अनोखी हैं इसे मनाने की परम्पराएं भी. प्रयागराज में होली की अजीबो गरीब परम्परा है हथौड़े की बारात. अनूठी परम्परा वाली इस शादी में दूल्हा होता है एक भारी-भरकम हथौड़ा, इसके बाद हथौड़े की बारात निकालने से पहले होता है कद्दू भंजन. शहर की गलियों में जैसे दूल्हे राजा की भव्य बारात निकाली जाती है वैसे इस हथौड़े की बारात में सैकड़ो लोग बैंड बाजे के साथ इसमें शामिल होते हैं, डांस भी होता है.
इस परंपरा का संदेश संसार की बुराइयों को खत्म करना है और हथौड़े के प्रहार से आतंकवाद खत्म करने की भी. संगम नगरी में इसी के साथ शुरू हो जाती है रंगपर्व होली. दूल्हा बने हथौड़े की बारात अगर बेहद भव्यता के साथ निकली तो दुल्हन कद्दू का डोला शोर व हंगामे के बिना ही विवाह स्थल तक पहुंचाया गया. और कद्दू भंजन हुआ.
हथौड़े से होता है आतंक का अंत
सदियों से चली आ रही इस परम्परा के मुताबिक़ हथौड़े और कद्दू का मिलन शहर के बीचो-बीच हजारों लोगों की मौजूदगी में कराया जाता है इसका मकसद समाज मे फैली कुरीतियों को खत्म करना है और लोगों के मुताबिक इसी हथौड़े से आतंक का भी अंत होगा. इस अनूठी शादी के साथ ही प्रयागराज में होली की औपचारिक तौर पर शुरुआत भी हो जाती है.