अयोध्या: हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों की PM मोदी से मांग, कहा- आप अपने हाथों से रखें राम मंदिर की पहली ईंट
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अयोध्या: हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों की PM मोदी से मांग, कहा- आप अपने हाथों से रखें राम मंदिर की पहली ईंट

महंत सुरेश दास और इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा है कि वह अयोध्या आएं और राम मंदिर निर्माण की शुरुआत करते हुए अपने हाथों से पहली पूजित शिला को नीव में रखें. 

इकबाल अंसारी और महंत सुरेश दास की फाइल फोटो.

मनमीत गुप्ता/अयोध्या: राम जन्मभूमि आन्दोलन में प्रमुख भूमिका में रहे दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास और प्रमुख मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा है कि वह अयोध्या आएं और राम मंदिर निर्माण की शुरुआत करते हुए अपने हाथों से पहली पूजित शिला को नीव में रखें.

यह वही शिला है जिसे राम जन्मभूमि न्यास के प्रथम अध्यक्ष दिवंगत महंत रामचंद्र दास परमहंस ने मंदिर निर्माण के लिए वर्ष 2002 में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि आइएएस अधिकारी शत्रुघ्न सिंह को सौंपी थी.

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी मांग की है कि पीएम नरेन्द्र मोदी आएं और राम मंदिर निर्माण की शुरुआत करते हुए पूजित शिला को अपने हाथों से नींव में रखें.

वह शिला आज भी अयोध्या के सरकारी कोषागार में सुरक्षित रखी गई है. गौरतलब है कि 13 मार्च 2002 को राम जन्मभूमि न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष महंत रामचंद्र दास परमहंस ने शिला दान की घोषणा की थी.

उन्होंने घोषणा की थी की यदि राम लला के जनस्थान पर उन्हें शिला दान नहीं करने दिया गया तो वह अपनी जान दे देंगे. इस घोषणा के बाद कई दिन अयोध्या बंदिशों में रही थी.

तब केंद्र की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए प्रतिनियुक्ति पर गए फैजाबाद के पूर्व कमिश्नर शत्रुघ्न सिंह को शिला दान लेने के लिए अयोध्या भेजा था.

अब दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास चाहते हैं कि इसी शिला को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जन्मस्थान चलें और राम मंदिर की नींव में अपने हाथों से इसे रखें.

वहीं, दुसरी ओर बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी यही मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की है. इकबाल अंसारी का कहना है कि उनके वालिद मरहूम हाशिम अंसारी और न्यास के प्रथम अध्यक्ष महंत रामचन्द्र दास काफी अच्छे मित्र थे.

जब राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मुकदमा फैजाबाद कोर्ट में चल रहा था तो दोनों पक्षकार एक साथ रिक्शे पर मुकदमा लड़ने जाते थे. रामचन्द्र मंदिर के लिए तो हाशिम मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ते थे लेकिन इन दोनों के बीच आपसी भाईचारा और प्रेम कभी कम नहीं हुआ.

उन दोनों की मित्रता अयोध्या में गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल थी. हाशिम अंसाली के पुत्र इकबाल चाहते हैं कि पीएम नरेन्द्र मोदी अपने हाथों से पूजित शिला को राम मंदिर निर्माण की नींव में रखें. 

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