सोनौली बॉर्डर से 868 नेपाली नागरिकों को भेजा गया उनके वतन
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सोनौली बॉर्डर से 868 नेपाली नागरिकों को भेजा गया उनके वतन

हिंदुस्तान में काम कर रहे नेपाली लोग सोनौली सीमा पर फंसे हुए थे. महराजगंज जिला प्रशासन उन्हें क्वारंटीन सेंटर्स में रुकवाकर उनके खाने-पीने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा था. इनकी क्वारंटीन अवधि पूरी होने के बाद भारतीय अधिकारियों ने नेपाली प्रशासन से बातचीत की और 868 नागरिकों को सुरक्षित नेपाल वापस भेजा. 

फाइल फोटो

अमित त्रिपाठी/ महराजगंज: भारत-नेपाल की सीमा पर फंसे हुए 868 नेपाली नागरिकों को क्वांरटीन पीरियड खत्म होने के बाद उनके वतन सुरक्षित भेज दिया गया. भारतीय अधिकारियों ने नेपाली प्रशासन से बातचीत करके उनकी वापसी कराई. इस दौरान सीमा पर दोनों देशों के जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग, SSB, पुलिस और प्रशासन की टीम भी मौजूद रही.

लॉकडाउन के दौरान गए नेपाली नागरिक
कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से भारत और नेपाल दोनों ही देशों ने अपनी सीमाओं को सील करके पूरी तरह से लोगों के आने-जाने पर पाबंदी लगा दी थी. ऐसे में हिंदुस्तान में काम कर रहे नेपाली लोग सोनौली सीमा पर फंसे हुए थे. महराजगंज जिला प्रशासन उन्हें क्वारंटीन सेंटर्स में रुकवाकर उनके खाने-पीने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध करा रहा था. इनकी क्वारंटीन अवधि पूरी होने के बाद भारतीय अधिकारियों ने नेपाली प्रशासन से बातचीत की और 868 नागरिकों को सुरक्षित नेपाल वापस भेजा. हालांकि अब भी कुछ नेपाली नागरिक सोनौली बॉर्डर पर फंसे हुए हैं, जिन्हें भेजने की कार्रवाई की जानी है.

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वापसी से लिए हो चुका है हंगामा 
सोनौली सीमा पर गुरुवार रात सैकड़ों की संख्या में नेपाली नागरिकों ने इकट्ठा होकर हंगामा किया था. ये नेपाली नागरिक उन्हें अपने ही राष्ट्र में प्रवेश नही मिलने पर नाराज हैं. लॉकडाउन के बीच इस तरह के हंगामे को देखते हुए भारतीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और उन्हें समझा-बुझाकर वापस क्वारंटीन सेंटर लौटा लाया था. 

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