विशाखापत्तनम से बस्ती पहुंचने में इस ट्रेन को लग गए '4 साल', रेलवे को नहीं खबर
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विशाखापत्तनम से बस्ती पहुंचने में इस ट्रेन को लग गए '4 साल', रेलवे को नहीं खबर

भारत सरकार की कंपनी इंडियन पोटाश लि. ने डीएपी मंगवाने के लिए साल 2014 में एक मालगाड़ी को बुक किया था. 2014 में इस मालगाड़ी को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से 14 लाख रुपये की खाद लेकर यूपी के बस्ती जिले पहुंचना था.

सांकेतिक चित्र

नई दिल्ली : भारतीय ट्रेनों की लेटलतीफी से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन यह किस्सा वाकई हैरान कर देने वाले हैं. हाल ही में भारतीय रेलवे की एक मालगाड़ी को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने में लगभग 4 साल का समय लग गया. इस खबर को सुनने के बाद हर कोई हैरान है. 

टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 2014 में एक मालगाड़ी रवाना तो हुई, लेकिन वह बीच रास्ते में कहीं 'गायब' हो गई. वहीं, इस मामले पर रेलवे का कहना है कि 'जब कोई वैगन या बोगी जर्जर हो जाती है तो उसे यार्ड में भेज दिया जाता है, कुछ ऐसा ही इस ट्रेन के साथ भी हुआ होगा. हालांकि स्पष्ट रूप से कुछ बोलने के लिए अधिकारी भी बच रहे हैं. बता दें कि विशाखापत्तनम से बस्ती तक की दूरी लगभग 1400 किलोमीटर है.

बस्ती जिले में मची खलबली
शनिवार को जैसे ही ये मालगाड़ी बस्ती जिले के रेलवे स्टेशन पर पहुंची, वहां के अधिकारियों में इसको लेकर खलबली सी मच गई. जानकारी के मुताबिक, इस मालगाड़ी में लगभग 10 लाख रुपये का सामान था, लेकिन उसका मालिक कौन है और ये ट्रेन यहां पर कैसे पहुंची, इसको लेकर हर कोई हैरान था. गाड़ी के स्टेशन पहुंचने के बाद संबंधित रेलवे अधिकारी को सूचित किया गया. 

मालगाड़ी में रखी खाद हो चुकी है बेकार
रिपोर्टस के मुताबिक, इतने वक्त के बाद जब मालगाड़ी की तलाशी ली गई तो पता चला कि उसमें खाद है. हालांकि लगभग 50 फीसदी से ज्यादा खाद खराब हो चुकी थी. खाद की दशा खराब होने के बाद भी इंडियन पोटाश लि. इसपर दावेदारी कर रही है.

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