Turtles Eat Cheese: पनीर खाने के शौकीन हैं इस तालाब के कछुए, एक आवाज में आते हैं ऊपर, अद्भुत होता है नजारा
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Turtles Eat Cheese: पनीर खाने के शौकीन हैं इस तालाब के कछुए, एक आवाज में आते हैं ऊपर, अद्भुत होता है नजारा

Kanpur turtles eat cheese: कानपुर के नागेश्वर मंदिर के तालाब के कछुए खाने में ब्रेड, रोटी के टुकड़े या आटे की गोलियां नहीं खाते हैं, बल्कि इन्हें पनीर पसंद है. इतना ही नहीं एक आवाज पर ऊपर आ जाते हैं...

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Kanpur turtles eat cheese: आपने टीवी पर टॉम एंड जेरी  कार्टून सीरियल देखा होगा, इसमें जेरी नाम का चूहा पनीर की तरफ खिंचा चला आता है. ये तो हुई सीरियल की बात, अगर हम कहें कि हकीकत में कोई कछुआ पनीर को पंसद करता है तो आपका रिएक्शन कैसा होगा. जीहां यूपी के कानपुर स्थित पनकी नागेश्वर धाम मंदिर के तालाब के कछुए पनीर बड़े चाव से खाते हैं. मूल रूप से मांसाहारी कछुओं को इस प्रकार से पनीर प्रेम खाते देख लोगों के साथ वन्यजीव एक्सपर्ट्स भी हैरान हैं.

पनकी नागेश्वर मंदिर परिसर का तालाब
कानपुर के पनकी नागेश्वर मंदिर परिसर के पास दो बीघे के तालाब बना हुआ है और इसमें लगभग 150 सॉफ्टशेल कछुए रहते हैं.  कानपुर के पनकी इलाके में मौजूद नागेश्वर मंदिर के सामने बना ये तालाब काफी पुराना है. ये कछुए साइज में काफी बड़े हैं.  इनका वजन 10 किलो से लेकर 60 किलो तक है.इस तालाब में रहने वाले कछुए एक आवाज पर ही तालाब के किनारे पर आ जाते हैं. हर बुधवार को जब श्रद्धालु पूजा के बाद पनीर के टुकड़े पानी में डालते हैं, तो कछुए बड़ी उत्सुकता और तेजी से उन्हें पकड़ने के लिए सतह पर आते हैं.  यह नजारा अब मंदिर की एक खास पहचान बन चुका है. पनीर के टुकड़ों को पानी में डालने के साथ ही कछ़ुओं का निकलता सिर एक पवित्र परंपरा और प्राकृतिक आश्चर्य का अनूठा संगम दिखाई देता है. ये  अब एक अद्भुत इकोलॉजिकल घटना बन चुका है, जिसने श्रद्धालुओं के साथ-साथ वन्यजीव विशेषज्ञों को भी चौंका दिया है. 

मंदिर बना सुरक्षित आश्रय
मंदिर के महंत से मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर परिसर कछुओं के लिए  एक तरह का सुरक्षित आश्रय बन गया है.  तालाब के बीच में एक कृत्रिम द्वीप बनाया गया है, जहां कछुए अंडे दे सकते हैं. किनारों पर मिट्टी और रेत डाली जाती है ताकि कटाव न हो.  

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पनीर के शौकीन कछुए
मन्दिर प्रांगण के महंत के मुताबिक यहां दर्शन करने आने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा के अनुसार तालाब में रह रहे सैकड़ों कछुओं को खाने के लिए कुछ न कुछ फेंका करते थे. वहीं कुछ लोगों ने तालाब में कछुओं के लिए बहुत पहले पनीर के टुकड़े ही डालना शुरू किया था. जब ये चीजें डाली जाने लगी तो कछुए पनीर को ज्यादा खाने लगे, जिसके बाद वहां पर आने वाले लोग ज्यादातर पनीर ही उनको देने लगे. सुबह और शाम को उन्हें पनीर खिलाते हैं. कछुओं में पनीर खाने की ऐसी रूचि जिसके चलते पानी की गहराई में रहने वाले कछुए अब तालाब की सतह पर आकर श्रद्धालुओं के हाथों से पनीर खाते हुए भी दिखाई देते हैं. जानकारों के मुताबिक कछुओं की कुछ प्रजाति शाकाहारी होती है और कुछ मांसाहारी और कुछ तो सर्वहारी पाए जाते हैं. मगर कछुओं को जिस वातावरण और आहार में ढाला जाता है वो वैसे ही ढल जाते हैं. 

एक्सपर्टस चिंतित
कछुओं की पनीर खाने की दिलचस्पी को देखकर अब मंदिर  प्रबंधन की ओर से वन्यजीव विशेषज्ञों से कछुओं में अचानक हुए इस बदलाव के लिए चिंता भी जाहिर की है.विशेषज्ञ और डॉक्टर्स इस अनोखी रुचि को लेकर जांच के साथ शोध भी कर रहे हैं.

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