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कौशांबी में श्मशान की खुदाई में निकला खजाना, लूटने के लिए उमड़ी भारी भीड़, पुलिस ने हालात किये काबू

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के एक गांव में श्मशान घाट में निर्माण के लिए खुदाई के दौरान अंग्रेजों के जमाने के सिक्कों से भरी एक पुरानी कसहड़ी मिलने से हड़कंप मच गया.

श्मशान के लिए खुदाई में मिला खजाना!

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श्मशान के लिए खुदाई में मिला खजाना!

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक श्मशान घाट (अत्येष्टी स्थल)के निर्माण कार्य के लिए की गई खुदाई में अंग्रेजों के जमाने के बेशकीमती सिक्के मिले तो पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया. घटना जिले के पश्चिम शरीरा इलाके के सेंगहरा गांव की है. 

बिटिश काल के बेशकीमती सिक्के

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बिटिश काल के बेशकीमती सिक्के

कौशांबी जिले के शरीरा इलाके के सेंगहरा गांव में अंत्येष्टि स्थल निर्माण के लिए खुदाई के दौरान ब्रिटिश जमाने के सिक्कों से भरी एक पुरानी कसहड़ी मिली है.खजाने की खबर सुनते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई.

खजाने की खबर से गांव में सनसनी

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खजाने की खबर से गांव में सनसनी

मंझनपुर तहसील के सेंगहरा गांव में शुक्रवार की शाम एक खजाने की खबर ने गांव वालों में सनसनी फैला दी. दरअसल अंत्येष्टि स्थल निर्माण के लिए गांव में खुदाई कराई जा रही थी. खुदाई के दौरान एक पुरानी कसहड़ी निकली, जिसमें पुराने सिक्के भरे हुए थे. 

 

खजाने की खबर सुना जुटा ग्रामीणों का हुजूम

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खजाने की खबर सुना जुटा ग्रामीणों का हुजूम

खजाने की भनक लगते ही अंत्येष्टि स्थल पर सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा हो गए. इस दौरान गांव वालों के बीच सिक्कों को लेकर विवाद भी शुरू हो गया.हैरत की बात ये रही कि खुदाई के दौरान मिली कसहड़ी को ग्राम प्रधानपति प्रदुम्न नारायण सोनी मौके से लेकर घर चले गए. 

बंजारों के हो सकते हैं प्राचीन सिक्के

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बंजारों के हो सकते हैं प्राचीन सिक्के

हालांकि बाद में उन्होंने ये सिक्के पुलिस को सौंप दिए. घर ले जाते समय कसहड़ी से कुछ सिक्के गिर गए थे, जिन्हें ग्रामीणों ने उठा लिया. बताया जा रहा है कि ये सिक्के पीली और सफेद धातु के सन 1857 से लेकर के 1906 के पुराने रुपए के आकार के थे. ग्रामीणों में चर्चा है कि इस जगह पर काफी दिनों तक बंजारे यहां रहा करते थे.

पुलिस ने मौके पर पहुंच हालात किये काबू

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पुलिस ने मौके पर पहुंच हालात किये काबू

सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे ग्रामीणों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया. देखना होगा कि आखिर इस पुरानी कसहड़ी में कितनी दौलत थी और इसका राज क्या है. 

Disclaimer

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Disclaimer

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.

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