73 की उम्र में यूपी बोर्ड परीक्षा में गाड़े झंडे, 73% अंकों से 12वीं की पास, प्रतापगढ़ के बुजुर्ग ने साबित किया उम्र बस एक नंबर
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73 की उम्र में यूपी बोर्ड परीक्षा में गाड़े झंडे, 73% अंकों से 12वीं की पास, प्रतापगढ़ के बुजुर्ग ने साबित किया उम्र बस एक नंबर

UP Board Result Interesting Story: जो लोग ये सोचते हैं रिटायरमेंट के बाद अब क्या ही कुछ करना. उनके लिए प्रतापगढ़ के 73 वर्षीय दयाराम मौर्य एक मिसाल हैं. दयाराम मौर्य ने आज जारी हुए यूपी बोर्ड के रिजल्ट में 12वीं की परीक्षा पालि विषय में 73% से पास की है और लाखों युवओं के साथ बुजुर्गों के लिए प्रेरणा बन गए हैं. 

73 की उम्र में यूपी बोर्ड परीक्षा में गाड़े झंडे, 73% अंकों से 12वीं की पास, प्रतापगढ़ के बुजुर्ग ने साबित किया उम्र बस एक नंबर

Pratapgarh News: कहते हैं उम्र तो बस एक नंबर है, जिन लोगों में कुछ कर गुजरने की चाह और हौसला होता है वो कर ही लेते हैं.  प्रतापगढ़ के दयाराम मौर्य भी ऐसे ही बिरले लोगों में से हैं एक हैं जिन्होंने 73 साल की उम्र में पहले तो इंटरमीडिएट की परीक्षा देने का हौसला दिखाया और परीक्षा भी अच्छे अंकों से पास की. शुक्रवार को जब यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम आया तो उन्हें 73 प्रतिशत अंक के साथ परीक्षा पास करने की जानकारी मिली. उन्होंने यह परीक्षा पालि विषय में दी थी. इससे पहले भी उन्होंने पालि विषय से हाईस्कूल की परीक्षा 82 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी.  

कौन हैं डॉ. दयाराम मौर्य
डॉ. दयाराम मौर्य प्रतापगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार हैं. डॉ. दयाराम मौर्य एडीआईओएस के पद से रिटायर हैं. उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है.  पिछले वर्ष यानी 2024 में डॉ. दायराम मौर्य को दिल्ली में साहित्य शिरोमणि राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. डॉ. दयाराम मौर्य बाल साहित्य की 15 पुस्तकों की रचना कर चुके हैं. जिन्हें हिंदी के अलावा अंग्रेजी में भी अनुवाद किया गया है. डॉ. दयाराम मौर्य सह जिला विद्यालय निरीक्षक सहित कई पदों पर भी रहे हैं. डॉ. दयाराम मौर्य मूलत: सराय दली के रहने वाले हैं. लेकिन शहर के अजीत नगर में बस गए. रिटायर होने के बाद उन्होंने बाल कल्याण समिति में बाल न्यायाधीश के रूप में भी अपनी सेवा दी. वह सृजन संस्था के नाम बाल साहित्यकारों को प्रशिक्षित भी करते हैं. साहित्य के क्षेत्र में डॉ. दयाराम मौर्य की ख्याति प्रतापगढ़ से दिल्ली तक फैली है. 

डॉ. दयाराम मौर्य की शिक्षा
भले ही डॉ. दयाराम मौर्य ने 2025 में पालि विषय में इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी और उसे अच्छे अंकों से पास भी किया लेकिन वह संस्थागत छात्र के रूप में अयोध्या से प्रथम श्रेणी में LLB हैं. और ऑल इंडिया बार परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं.  

लिखने पढ़ने के शौकीन डॉ. दयाराम ने सकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद भी किताबों और साहित्य से अपना रिश्ता न केवल बनाए रखा बल्कि इसे पहले से और मजबूत किया है. साहित्य की डगर पर उनका सफर लगातार जारी है. डॉ. दयाराम का पढ़ाई लिखाई के प्रति यह लगाव कईयों के लिए प्रेरणा है

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