उनके ट्वीट किए गए खत में लिखा है कि 'विद्यार्थियों के आने जाने, खाने, पीने और ठहरने का प्रबंध वैसे ही करे जैसा वो विधायकों की खरीद फरोख्त के समय करते हैं'.
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लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच जेईई और नीट परीक्षा कराए जाने का विरोध और इस पर सियासत भी गरम हो रही है. गुरुवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी और सरकार के नाम एक खुला खत लिखा. इस खत में बीजेपी से साफ कहा गया कि 'जैसे विधायकों की खरीद-फरोख्त में करते हैं, वैसे ही परीक्षार्थियों के भी ठहरने का इंतजाम कराएं.'
अखिलेश के खत के बाद राजभवन घेराव
अखिलेश का खत देखते ही सपा के कार्यकर्ता लखनऊ में राजभवन का घेराव करने पहुंच गए. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटाने की कोशिश की तो झड़प होने लगी. आखिरकार पुलिस ने बल प्रयोग करके जबरदस्ती उन्हें राजभवन से हटाया. इस बीच कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया.
अखिलेश के खत में खरी-खोटी
अखिलेश यादव ने यूं तो ये खुला खत नीट और जेईई के छात्रों के समर्थन में लिखा है, लेकिन निशाना बीजेपी की सियासत पर साधा है. उनके ट्वीट किए गए खत में लिखा है कि 'विद्यार्थियों के आने जाने, खाने, पीने और ठहरने का प्रबंध वैसे ही करे जैसा वो विधायकों की खरीद फरोख्त के समय करते हैं'.
#StudentLivesMatter#INDIAunitedtoPostponeJEE_NEET#ProtestAgainstExamsInCOVID#PostponeNEET_JEE#JEENEET#BJPSOLD4JEENEET#NoMoreBJP#AntiStudentModiGovt#NEET2020#JEE2020#HealthOverNEETjee#SATYAGRAH_AgainstExamsInCovid@PTI_News@ANI@HSnewsLive pic.twitter.com/opou91XoiK
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 27, 2020
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'जान के बदले एक्जाम नहीं चलेगा'
अखिलेश ने चिट्ठी में लिखा है कि बीजेपी तर्कहीन और हास्यास्पद बात फैला रही है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते? भाजपाई सत्ता के मद में ये भी भूल गए हैं कि लोग मजबूरी में निकल रहे हैं और जो लोग घर पर रहकर बचाव करना भी चाहते हैं, उन्हें भी सरकार परीक्षा के नाम पर बाहर निकलने पर बाध्य कर रही है. ऐसे में अगर किसी परीक्षार्थी, उनके संग आए अभिभावक या घर लौटने के बाद उनके संपर्क में आए घर के बुजुर्गों को संक्रमण हो गया तो उसकी कीमत क्या ये सरकार चुकाएगी?
'युवाओं के खिलाफ प्रतिशोधात्मक है बीजेपी'
अखिलेश आगे लिखते हैं कि बीजेपी ये समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहा युवा और कोरोना, बाढ़, अर्थव्यवस्था की बदइंतामी से परेशान गरीब, निम्न और मध्य वर्ग अब कभी उसको वोट नहीं देगा. इसीलिए वो युवाओं और अभिभावकों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है. बीजेपी को सिर्फ वोट देने वालों से मतलब है.
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क्या है NEET-JEE विवाद?
कोरोना संक्रमण के चलते NEET-JEE की परीक्षा को छात्र, पैरेंट्स और कुछ शिक्षाविद् नहीं आयोजित कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं, केंद्र सरकार के साथ कई शिक्षाविद् चाहते हैं कि नीट (NEET) और जेईई (JEE) की परीक्षा निर्धारित तिथि पर आयोजित की जाए, ताकि शैक्षणिक कैलेंडर पीछे न जाए. इसी बीच विपक्ष का छात्रों को पूरा समर्थन मिल रहा है. इसके लिए सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन समेत 7 मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि विपक्ष सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन भी जारी कर सकता है. अब सपा की ओर से भी इस मुद्दे पर कड़ा रुख अख्तियार किया जा रहा है.
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