कैराना सीट से बीजेपी की मृगांका सिंह ने रिजल्ट आने से पहले कबूली अपनी हार
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कैराना सीट से बीजेपी की मृगांका सिंह ने रिजल्ट आने से पहले कबूली अपनी हार

कैराना लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह ने अपनी हार कबूल कर ली है. न्‍यूज एजेंसी ANI से बातचीत में, कैराना सीट पर बीजेपी की मृगांका सिंह ने हार कबूली.  

बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह. (फाइल फोटो)

शामली: कैराना लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह ने अपनी हार कबूल कर ली है. न्‍यूज एजेंसी ANI से बातचीत में, कैराना सीट पर बीजेपी की मृगांका सिंह ने हार कबूली.  कैराना लोकसभा सीट पर रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन 54000 वोटों से आगे चल रही है. चुनावी नतीजे का ऐलान किसी भी वक्त किया जा सकता है. मृगांका सिंह द्वारा हार कबूल कर लेना बीजेपी की बहुत बड़ी हार है. इसका सीधा असर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर दिख सकता है. कैराना में रालोद की जीत को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि इस चुनाव में जिन्ना की हार हुई और गन्ना की जीत हुई है. जयंत चौधरी ने गठबंधन को समर्थन करने के लिए कांग्रेस, सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी समेत तमाम राजनीतिक दलों का शुक्रिया अदा किया.

इससे पहले गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी की हार हुई थी. नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में भी बीजेपी की हार हुई है. नूरपुर विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी नईमुल हसन ने बीजेपी प्रत्याशी अवनी सिंह को करीब 6200 वोटों से हराया है. 

 

 

2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो चौधरी अजित सिंह का गढ़ माने जाने वाले कैराना में 'मोदी लहर' की सुनामी में रालोद(RLD) का प्रत्‍याशी 50 हजार वोट पाने को तरस गया. उस चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला. उसके बाद 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर के कारण अजित सिंह की पार्टी रालोद को पूरे सूबे में महज एक प्रतिशत वोट मिला और महज एक विधानसभा सीट पर कामयाबी मिली. वह एमएलए भी बाद में पाला बदलकर बीजेपी में चला गया. अब कैराना लोकसभा उपचुनाव में रालोद प्रत्‍याशी तबस्‍सुम हसन की जीत से गठबंधन को नई मजबूती मिली है. विपक्षी दलों को बीजेपी को रोकने का रास्त दिखने लगा होगा.

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