कैराना में बीजेपी की हार पर बोले जयंत चौधरी, 'जिन्ना हार गया, गन्ना जीत गया'
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कैराना में बीजेपी की हार पर बोले जयंत चौधरी, 'जिन्ना हार गया, गन्ना जीत गया'

कैराना में रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को हरा दिया है.

कैराना से रालोद की वापसी, तबस्सुम हसन ने बीजेपी की मृगांका सिंह को हराया. (फोटो-ANI)

शामली: कैराना में रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को हरा दिया है. तबस्सुम हसन करीब 55000 वोटों से आगे चल रही थीं. हालांकि चुनावी नतीजे आने से पहले ही बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह ने अपनी हार कबूल कर ली थी. न्‍यूज एजेंसी ANI से बातचीत में मृगांका सिंह ने अपनी हार कबूली हैं. कैराना उपचुनाव में रालोद की जीत को लेकर जयंत चौधरी ने कहा कि इस चुनाव में जिन्ना की हार हुई और गन्ना की जीत हुई है.

 

 

जयंत चौधरी ने गठबंधन को समर्थन करने के लिए कांग्रेस, सपा, बसपा, आम आदमी पार्टी समेत तमाम राजनीतिक दलों का शुक्रिया अदा किया.

2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो चौधरी अजित सिंह का गढ़ माने जाने वाले कैराना में 'मोदी लहर' की सुनामी में रालोद(RLD) का प्रत्‍याशी 50 हजार वोट पाने को तरस गया. उस चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला. उसके बाद 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर के कारण अजित सिंह की पार्टी रालोद को पूरे सूबे में महज एक प्रतिशत वोट मिला और महज एक विधानसभा सीट पर कामयाबी मिली. वह एमएलए भी बाद में पाला बदलकर बीजेपी में चला गया. अब कैराना लोकसभा उपचुनाव में रालोद प्रत्‍याशी तबस्‍सुम हसन की जीत से गठबंधन को नई मजबूती मिली है. विपक्षी दलों को बीजेपी को रोकने का रास्त दिखने लगा होगा.

 

 

उल्‍लेखनीय है कि कैराना लोकसभा सीट में शामली जिले की 3 और सहारनपुर जिले की 2 विधानसभाएं शामिल हैं. कैराना कस्‍बा शामली जिले में पड़ता है. 2011 में मायावती ने शामली को जिला घोषित करते हुए इसका नाम प्रबुद्ध नगर घोषित किया था. उसके बाद अखिलेश यादव ने 2012 में इसका नाम फिर से शामली कर दिया. उससे पहले कैराना, मुजफ्फरनगर की तहसील हुआ करता था.

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