Kamika Ekadashi 2024: आज कामिका एकादशी है. जिसका सभी एकादशियों में खास महत्व है. देवशयनी एकादशी के दिन 4 महीने के लिए भगवान विष्णु सो जाते हैं. इसके बाद यह न केवल पहली एकादशी है, बल्कि यह सावन की भी पहली एकादशी है. इस दिन से सावन शिवरात्रि के लिए कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी होती है.


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‘हरि’ और ‘हर’ की कृपा
भगवान विष्णु के योगनिद्रा में जाने के बाद ब्रह्मांड की देखरेख भोलेनाथ अपने हाथों में ले लेते हैं, इसलिए सावन के पवित्र महीने की इस पहली एकादशी का व्रत रखने वाले साधक-साधिका को एक साथ ‘हरि’ यानी भगवान विष्णु और ‘हर’ यानी भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है. इन दोनों देवों की कृपा से दुनिया का ऐसा कोई काम नहीं है, जो असंभव हो. बस सच्ची लगन और निष्ठा से उन्हें खुश करने की जरूरत है.


श्रेष्ठ है ये एकादशी
धार्मिक ग्रंथों मुताबिक, इस एकादशी को करने का पुण्य पूर्वज और पितर को भी मिलता है. साथ ही, भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी समेत महादेव और मां पार्वती का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि यह व्रत रखने से ब्रह्महत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते हैं और सिर्फ व्रत की कथा सुनने से ही मनुष्य इस जीवन के बाद विष्णु लोक में स्थान पाता है.


इस दिन करें ये उपाय
कामिका एकादशी के दिन रुद्राक्ष की माला धारण करने से सभी ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं. पूजन के समय भोलेनाथ की विधिवत पूजा के बाद उनको भभूत लगाएं और इसके बाद अपने मस्तक पर भी भभूत लगाएं. यह मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है और राहु के असर को खत्म करता है. भगवान शिव और भगवान विष्णु को एक साथ खुश करने के लिए बेल पत्र पर ‘ॐ श्री हरिः’ लिख कर कम से कम 5 बेल पत्र चढ़ाएं. कामिका एकादशी के दिन भूखे व्यक्तियों, गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं. किसी जरूरतमंद की मदद करें. मान्यता है कि ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.


Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां लोक मान्यताओं/ पौराणिक कथाओं पर आधारित हैं. इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. Zeeupuk इसकी किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है.


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