दारोगा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी बाइक से 'दुबे जी' का स्टिकर हटवा दिया है और 5000 रुपये का चालान भी काटा गया है.
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कानपुर: कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने ये आदेश दिया था कि किसी ने भी अपनी गाड़ी पर अगर जातिसूचक शब्द लिखवाया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में बढ़ रहे जातिवाद को देखते हुए सरकार ने यह अहम फैसला लिया था. इसके बावजूद कुछ लोग बात मानने को तैयार नहीं हैं. इसमें सिर्फ आम आदमी ही दोषी नहीं हैं, बल्कि अब तो कानपुर के दारोगा भी सरकार के आदेश को अनसुना कर अपनी बाइक पर जाति सूचक शब्द लिखवाए घूम रहे थे.
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'दुबे जी' लिखवा कर शहर में घूमते थे दारोगा, कटा चालान
मामला शिवराजपुर थाने का है, जहां के दारोगा पवन दुबे ने सरकार के आदेश के विपरीत जा कर अपनी बुलेट पर 'दुबे जी' लिखवाया था. इतना ही नहीं, वह ये जातिसूचक शब्द लिखवा कर बाइक से शहर भर में घूम रहे थे. थाना इंचार्ज ने जानकारी दी है कि दारोगा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी बाइक से 'दुबे जी' का स्टिकर हटवा दिया है और 5000 रुपये का चालान भी काटा गया है.
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धारा 177 के तहत होगी कार्रवाई
दरअसल, 27 दिसंबर 2020 को प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त ने आदेश दिया था कि जिन वाहनों पर राजपूत, ब्राह्मण, यादव, जाट, क्षत्रिय जैसे जातिसूचक शब्द पाए गए, उनके खिलाफ अभियान चलाते हुए धारा 177 के तहत चालान या फिर गाड़ी सीज करने की कार्रवाई की जाएगी.
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PM मोदी के नाम लिखा गया था खत
दिसंबर में ही महाराष्ट्र के एक शिक्षक हर्षल प्रभु ने PM मोदी के नाम एक खत लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में दौड़ रहे वाहन जिनपर जातिसूचक शब्द लिखा है, वह सामाजिक ताने-बाने के लिए खतरा हैं और इन्हें बंद किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह शिकायत उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी थी. जिसके बाद मामले का संज्ञान लेकर अपर परिवहन आयुक्त ने यह आदेश जारी किया था.
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