Kanpur Encounter: AK-47 से पुलिस पर गोलियां बरसा रहे थे अपराधी, स्कॉर्पियो से भागा विकास दुबे
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Kanpur Encounter: AK-47 से पुलिस पर गोलियां बरसा रहे थे अपराधी, स्कॉर्पियो से भागा विकास दुबे

घटनास्थल से AK47 के खोखे मिले हैं. इसका मतलब कि अपराधियों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार करने के लिए इसी खतरनाक हथियार का इस्तेमाल किया. CO देवेंद्र मिश्रा छत से हो रही फायरिंग से बचने के लिए अपराधी विकास दुबे की छत से कूदे थे. फिर उन पर गोलियां चलाई गईं. 

Kanpur Encounter: AK-47 से पुलिस पर गोलियां बरसा रहे थे अपराधी, स्कॉर्पियो से भागा विकास दुबे

Kanpur Encounter: पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने वाले अपराधियों ने टीम के आने से पहले ही पूरी तैयारी कर रखी थी. पहले तो रास्ते में जेसीबी और ऐसी ही चीजें खड़ी करके रास्ते को ब्लॉक किया गया. इसके बाद जब पुलिस फोर्स गाड़ियों से बाहर निकली तो उस पर छत पर चढ़कर अंधाधुंध गोलियां बरसाई गईं. 

अपराधियों के पास थी AK47
DGP हितेश अवस्थी ने बताया कि घटनास्थल से AK47 के खोखे मिले हैं. इसका मतलब कि अपराधियों ने पुलिस पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार करने के लिए इसी खतरनाक हथियार का इस्तेमाल किया. CO देवेंद्र मिश्रा छत से हो रही फायरिंग से बचने के लिए अपराधी विकास दुबे की छत से कूदे थे. फिर उन पर गोलियां चलाई गईं. 

पुलिस टीम के वाहन रोकने के लिए लगाई गई जेसीबी 
DGP हितेश चंद अवस्थी ने बताया कि पुलिस वाहनों को बाधित करने के लिए जेसीबी को वहां लगा दिया गया और फोर्स के उतरने का इंतजार किया गया. पुलिस की ओर से जवाबी फायरिंग हुई, लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे. ऐसे में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए. 

Kanpur Shootout: जानिए कौन है हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे? पकड़ने की कोशिश में 8 पुलिसकर्मी हो गए शहीद  

 

स्कॉर्पियो से भागा है विकास दुबे 
घटना को अंजाम देने के बाद हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे स्कॉर्पियो में सवार होकर वहां से फरार हुआ है. पुलिस की एक टीम लखनऊ के कृष्णा नगर इलाके में मौजूद विकास दुबे के घर पहुंची है. पिछली बार विकास दुबे को STF ने उसके इसी घर से गिरफ्तार किया था. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज हुआ था और पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई थी. 

पुलिस का ऑपरेशन जारी 
DGP ने बताया कि घटना में पुलिस के 7 लोग जख्मी हुए हैं, जिनका इलाज जारी है. अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि वे अंधेरे का फायदा उठाकर भागे हैं. आईजी, एडीजी, एडीजी ( लॉ एंड ऑर्डर ) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए भेजा गया है. कानपुर से फॉरेंसिक टीम मौके पर थी, लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम गई है. 

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