कानपुर: बिकरू कांड के दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के भाई को कानपुर पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है. विकास अपने भाई दीप प्रकाश दुबे से हर एक बात को साझा करता था. इसी शक की बिनाह पर पुलिस उसे कानपुर लाकर पूछताछ करने वाली है. दीप प्रकाश दुबे बिकरू हत्याकांड के बाद से फरार चल रहा था. पुलिस उसकी तलाश में थी, लेकिन उसने पुलिस को चकमा देकर 23 दिसंबर को लखनऊ कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. अब कानपुर पुलिस उससे पूछताछ के लिए लंबी फेहरिस्त तैयार कर रही है. पुलिस को यकीन है कि वह कई राज खोल सकता है.


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न्यायिक हिरासत के बाद रिमांड पर लेगी कानपुर पुलिस
दीप प्रकाश पर आरोप है कि वह विकास की ब्लैक मनी को सफेद करने का काम करता था. वह इन पैसों को रियल एस्टेट, जमीनों की खरीद फरोख्त समेत अन्य कामों में इस्तेमाल करता था. उसे यह भी पता था विकास की काली कमाई का स्रोत क्या है? वर्ष 2000 में प्रिंसिपल हत्याकांड में दीप प्रकाश दुबे जमानत पर चल रहा है. उस पर कई मुकदमे दर्ज हैं. जिन पर वह जमानत पर था. जमानत पर रहने के बाद भी वह आपराधिक गतिविधियों में शामिल है. 


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82 नोटिस के बाद भी नहीं हुआ हाजिर
पुलिस प्रशासन उसकी जमानत भी खारिज करवाने की तैयारी में है. डीआईजी ने एसपी ग्रामीण को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है. बिकरू कांड के बाद भी दीप प्रकाश दुबे को टॉप-10 अपराधियों में शामिल ने करने की जांच होगी. पुलिस ने कुछ दिन पहले आरोपित के मकान पर 82 की नोटिस चस्पा की थी. इसके बावजूद भी दीप प्रकाश हाजिर नहीं हुआ. जिसके बाद कोर्ट से अनुमति ले कर उसके मकान की कुर्की की गई है.  


2017 में विकास दुबे भाई के हथियार के साथ पकड़ा गया था
गौरतलब है कि 2017 में STF ने विकास दुबे को कृष्णा नगर से पकड़ा था. उस समय पाया गया था कि वह अपने भाई दीप प्रकाश दुबे की लाइसेंसी बंदूक लेकर चलता है. कृष्णा नगर कोतवाली में आर्म्स एक्ट के तहत विकास दुबे का नाम दाखिल भी किया गया था. दीप प्रकाश ने विकास दुबे की जमानत कराई थी और उस समय उसने विकास पर पहले के दर्ज मुकदमों का ब्यौरा छिपा लिया था. 


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कई राज से पर्दा उठ सकता है?
कानपुर पुलिस दीप प्रकाश दुबे की न्यायिक हिरासत के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी. सूत्रों की मानें तो पुलिस का दावा है कि दीप प्रकाश से पूछताछ में कई अहम राज खुलेंगे. वह विकास दुबे का सबसे बड़ा राजदार साबित होगा. बिकरू कांड के बाद वह से फरार चल रहा था. उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था.


2 जुलाई की रात बिकरू गांव में क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. पुलिस वालों पर यह फायरिंग गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी. इस घटना में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 6 अन्य चोटिल हो गए थे. घटना के बाद विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से कानपुर लाए जाने के दौरान रास्ते में विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. गैंगस्टर इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर हो गया था.


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