डायरेक्टर और प्रोड्यूसर मोहन नागर बिकरू कांड पर 'हनक' नाम से एक बायोपिक बनाना चाहते हैं. रिचा दुबे के एडवोकेट ने इस बायोपिक को भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन बताया है.
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प्रयागराज: बहुचर्चित बिकरू कांड के कुख्यात अपराधी विकास दुबे (Vikas Dubey) पर बन रही बायोपिक का मामला अब कानून के घेरे में फंसता दिख रहा है. 2 जुलाई को कई पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले इस दुर्दांत अपराधी की पत्नी रिचा दुबे के वकील ने इस मामले में वेब सीरीज के निर्माता और निर्देशक मोहन नागर को कानूनी नोटिस भेजा है.
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बताया संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन
बता दें, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर मोहन नागर बिकरू कांड पर 'हनक' नाम से एक बायोपिक बनाना चाहते हैं. रिचा दुबे के एडवोकेट ने इस बायोपिक को भारतीय संविधान (Constitution of India) के अनुच्छेद-21 (Article 21) का उल्लंघन बताया है. जाकारी मिली है कि मोहन नागर को यह नोटिस हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी जनरल प्रभा शंकर मिश्र और एसोसिएट एडवोकेट ऋषभ राज ने भेजा है.
क्या है संविधान का अनुच्छेद-21?
भारतीय संविधान का अनुच्छेद-21 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया (Process Establlished by Law) के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता (Personal Freedom) के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है.
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'मैं कानपुर वाला' पर आधारित वेब सीरीज
दिसंबर में खबर आई थी कि 'हनक' की शूटिंग मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास मंडीदीप में जारी है. मुंबई के 'द प्रोडक्शन हेडक्वॉर्टर्स' द्वारा बनाई जा रही है. कानपुर वाले विकास दुबे को 9 जुलाई 2020 को उज्जैन में फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, अगले ही दिन इस गैंगस्टर का उत्तर प्रदेश में पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. इस दौरान विकास दुबे की कहानी इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल हुई थी. अब यह कहानी वेब सीरिज के रूप में लोगों के सामने आने वाली थी. बता दें, यह वेब सीरीज मृदुल कपिल की किताब 'मैं कानपुर वाला' पर आधारित है. जानकारी मिली है कि इसमें विकास का किरदार मनीष गोयल निभा रहे हैं.
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क्या था बिकरू कांड?
आपको बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गई पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. पुलिस वालों पर यह फायरिंग गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने की थी. इस घटना में तत्कालीन बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जबकि 6 अन्य चोटिल हो गए थे. घटना के बाद विकास दुबे एक हफ्ते तक फरार रहा. उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया था. वहां से वापस कानपुर लाए जाने के दौरान रास्ते में विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. गैंगस्टर इस मुठभेड़ में पुलिस की गोली से ढेर हो गया था.
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