Jhansi News : झांसी में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बन गई है. यहां शादी के बाद दूल्‍हा नई नवेली दुल्‍हन को बैलगाड़ी में बैठकर अपने घर पहुंचा. बैलगाड़ी से दुल्‍हन की विदाई को देखने के लिए गांव वालों की भीड़ लग गई. खास बात यह रही कि दूल्‍हा-दुल्‍हन के सारथी बने चाचा व पूर्व ब्‍लॉक प्रमुख.


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चर्चा का विषय बना 
दरअसल यह पूरा मामला सीपरी बाजार क्षेत्र का है, जहां रंग बिरंगे कपड़े और फूल मालाओं से सजी बैल गाडियां पहुंचीं तो पुरानी परंपराओं की यादें ताजा हो गईं. यह नजारा देख लोगों का हुजूम सड़कों पर उमड़ पड़ा. विदाई समारोह शिवपुरी रोड स्थित रिसोर्ट से हुई. 


दर्जनों बैल गाड़‍ियां दुल्‍हन लेने पहुंचीं 
बता दें कि झांसी के लहर गांव निवासी हरिओम यादव के बेटे रणबीर की शादी चिरगांव के सिया सुल्तान पुरा निवासी चाहत के साथ 2 मार्च को हुई. तीन मार्च को नई नवेली दुल्‍हन की विदाई होनी थी. तभी दर्जनों बैल गाडियां रंग बिरंगे कपड़े और फूल मालाओं से सजी हुई पहुंच गईं,


ढोल नगाड़े के साथ घोड़े भी पहुंचे 
साथ में ढोल नगाड़े और डीजे सहित रंग बिरंगे कपड़े में सजे घोड़े भी थे. दुल्हन की विदाई कार्यक्रम बैल गाड़ी पर कराई गई. पूर्व ब्लाक प्रमुख व दूल्हे के चाचा पंजाब सिंह यादव ने बताया कि इस बहाने हम गऊ और नंदी को पालने का संदेश दे रहे हैं. 


पुरानी परंपरा को ताजा करने के लिए आयोजित किया गया कार्यक्रम 
उन्‍होंने कहा कि अपनी पुरानी परंपरा और संस्कृति को बनाए रखने के लिए यह बैल गाड़ी में विदाई समारोह किया गया है. वहीं, दूल्हे के पिता हरिओम यादव ने कहा कि वह किसान के बेटे हैं और किसानों ग्रामीण क्षेत्रों में बैल गाड़ियों से विदाई कराने की परंपरा लोग भूलते जा रहे हैं, उस परंपरा को कायम रखने के लिए यह आयोजित किया गया है. 


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