Elevated Railway Track: कानपुर में लोगों को आए दिन जगह-जगह जाम में फंसना पड़ता है. आने वाले समय में आपको शहर में कई जगह पर स्मूथ ट्रैफिक मिलेगा. इस प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को सीधा फायदा मिलेगा.
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Kanpur Latest News: कनपुरियों के लिए खुशखबरी है. आने वाले समय में शहर की सड़कों पर घंटों जाम में नहीं फंसना पड़ेगा. कानपुर में अनवरगंज से मंधना तक एलीवेटेड रेलवे ट्रैक बनेगा, जिससे 18 रेलवे क्रॉसिंग खत्म हो जाएंगी और ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी. अब जब ये एलीवेटेड ट्रैक बन जाएगा तो न सिर्फ जाम से राहत मिलेगी, बल्कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी.
कानपुर में जाम की समस्या से रोज लोगों को दोचार होना पड़ता है. कानपुर में रेलवे क्रॉसिंग की वजह से जाम ज्यादा लगता है. शहर में 18 रेलवे क्रॉसिंग ऐसी थी जहां पर जाम से बुरा हाल रहता था. अब हटाकर इस ट्रैक को पूरी तरीके से एलिवेटेड किया जाएगा. आने वाले साल में इसका काम पूरा होने की उम्मीद है.
टेंडर हुए जारी
इस प्रोजेक्ट के लिए रेलवे ने 15 मई को टेंडर जारी कर दिए हैं. 30 जुलाई तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और इसके बाद कंपनियां काम शुरू कर देंगी. माना जा रहा है कि साल 2027 तक यह ट्रैक बनकर तैयार हो जाएगा.इस प्रोजेक्ट पर कुल 1115.65 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे
18 रेलवे क्रासिंग होंगी खत्म
इस एलीवेटेड ट्रैक के बनते ही कानपुर की 18 रेलवे क्रासिंग हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगी. इसके अलावा, अनवरगंज और मंधना के बीच दो रेलवे स्टेशन भी अब नहीं रहेंगे. ऐसा पहली बार होगा जब कानपुर में इतने बड़े पैमाने पर रेलवे लाइन को ऊपर उठाकर बनाया जाएगा.
रेलवे क्रासिंग पर कई घंटों तक जाम
इस समयअनवरगंज से मंधना तक रेलवे ट्रैक शहर को उत्तर और दक्षिण में बांट देता है. इस कारण जगह-जगह रेलवे क्रासिंग पर कई घंटों तक जाम लगा रहता है. जरीब चौकी, गुमटी नंबर 5 और 9, कोकाकोला चौराहा, आईआईटी, रावतपुर, कल्याणपुर जैसे इलाकों में लोग रोजाना फंसते हैं. अब एलीवेटेड ट्रैक बनने से ये जाम खत्म होंगे और लोगों का समय बचेगा.
50 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
अनवरगंज से मंधना होते हुए लोग बिल्हौर, कन्नौज, फर्रुखाबाद और कासगंज तक सफर करते हैं. इस ट्रैक पर भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है, ऐसे में एलीवेटेड ट्रैक एक बड़ी जरूरत था. इस रूट से हर दिन 30 से ज्यादा यात्री ट्रेनें गुजरती हैं, जिनमें हजारों लोग सफर करते हैं. इसके अलावा 5 से 6 मालगाड़ियां भी इसी रास्ते से गुजरती हैं. इस ट्रैक से लगभग 50 लाख लोगों को फायदा मिलेगा.