कानपुर से चलेंगे पानी के छोटे जहाज, बुंदेलखंड के रास्ते प्रयागराज तक कई जिलों तक सफर होगा आसान, सड़क से सस्ता और तेज भी
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कानपुर से चलेंगे पानी के छोटे जहाज, बुंदेलखंड के रास्ते प्रयागराज तक कई जिलों तक सफर होगा आसान, सड़क से सस्ता और तेज भी

Kanpur News: सड़कों पर बढ़ते ट्रैफिक और प्रदूषण को कम करने के लिए अब यमुना नदी में छोटे जहाज चलाए जाएंगे. 248 कि.मी. लंबा जलमार्ग तैयार किये जाने की योजना है जिससे कानपुर सीधे बुंदेलखंड से कनेक्ट हो जाएगा. 

कानपुर से चलेंगे पानी के छोटे जहाज, बुंदेलखंड के रास्ते प्रयागराज तक कई जिलों तक सफर होगा आसान, सड़क से सस्ता और तेज भी

Kanpur News: यमुना नदी में जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र को प्रयागराज के संगम से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है. 248 किमी लंबे इस जलमार्ग को कालपी से प्रयागराज तक विकसित किया जाएगा, जिससे औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा. इस परियोजना को कानपुर रीजन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथॉरिटी (क्रीडा) में शामिल करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है..

प्रोजेक्ट से क्या होगा फायदा ?
इस जलमार्ग के बनने से कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्र की कनेक्टिविटी गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तक सीधे तौर पर होगी. इससे माल परिवहन और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं सड़क मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, जिससे प्रदूषण और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी. 

बुंदेलखंड और कानपुर को मिलेगा फायदा
इस जलमार्ग का केंद्र जालौन का कालपी और कानपुर देहात का भोगनीपुर बनाया जाएगा. कालपी में इनलैंड वाटर वेज (जल परिवहन पत्तन) की स्थापना की जाएगी, जो औद्योगिक नगरी कानपुर के विकास में अहम भूमिका निभाएगा. भोगनीपुर उत्तर भारत के प्रमुख सड़क जंक्शनों में से एक है, जिससे राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार और बंगाल तक परिवहन सुगम हो सकेगा.

फिर से जिंदा होगा इतिहास !
इतिहासकारों के अनुसार, ब्रिटिश काल में प्रयागराज से कोलकाता तक एक सक्रिय जलमार्ग था, जिस पर स्टीमर मेल चलती थी. उस समय बारिश के दिनों में कोलकाता से प्रयागराज पहुंचने में सिर्फ नौ दिन लगते थे. गर्मी और सर्दी में यह यात्रा 15 से 25 दिन की होती थी. 

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जलमार्ग क्यों है जरूरी ?
- पर्यावरण को फायदा: भारी वाहनों का दबाव कम होने से ईंधन की बचत होगी, प्रदूषण घटेगा और सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी. 
- डिफेंस और उद्योग को बढ़ावा: कानपुर, झांसी और चित्रकूट में डिफेंस कॉरिडोर और औद्योगिक गलियारों को जलमार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
- पर्यटन को बढ़ावा: प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ और अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान यह जलमार्ग यात्रियों के लिए एक नया विकल्प बनेगा. 

प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक आने वाले समय में यह योजना कानपुर और बुंदेलखंड को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी. 

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