कानपुर: विकास दुबे पर दर्ज 65 मुकदमों में से 21 केस की फाइलें गायब, आईजी ने कहा- दोषियों पर होगी कार्रवाई
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कानपुर: विकास दुबे पर दर्ज 65 मुकदमों में से 21 केस की फाइलें गायब, आईजी ने कहा- दोषियों पर होगी कार्रवाई

दुर्दान्त विकास दुबे पर दर्ज 65 में से 21 मुकदमों की गायब फाइलें पुलिस तलाश नहीं सकी है. ये मुकदमे कानपुर के शिवली, कल्याणपुर, चौबेपुर और बिल्लौर में दर्ज थे. हालांकि, पुलिस अधिकारी का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

फाइल फोटो.

श्याम तिवारी/कानपुर: बिकरू कांड की न्यायिक जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जिसमे पुलिसवालों की विकास दुबे पर मेहरबानी की कहानी भी शामिल है. दुर्दान्त विकास दुबे पर दर्ज 65 में से 21 मुकदमों की गायब फाइलें पुलिस तलाश नहीं सकी है. ये मुकदमे कानपुर के शिवली, कल्याणपुर, चौबेपुर और बिल्लौर में दर्ज थे. हालांकि, पुलिस अधिकारी का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

विकास दुबे को हासिल था स्थानीय पुलिस, राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण
आपको बता दें बिकरू कांड और गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया था. जिसने 132 पृष्ठों की रिपोर्ट दी है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विकास दुबे और उस के गैंग को कानपुर में स्थानीय पुलिस के साथ ही राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण हासिल था. इसी संरक्षण की वजह से 65 मामलों में नामजद विकास दुबे का नाम थाने की टॉप 10 अपराधियों की सूची में भी शामिल नहीं था. 

पुलिस वालों ने विकास दुबे के काले कारनामों पर पर्दा डालने का किया काम 
गैंगस्टर के मददगार के रूप में 37 पुलिसकर्मी जांच में दोषी पाए गए हैं. इनमें 1996 से लेकर 2020 तक वे सभी पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन्होंने कहीं न कहीं विकास दुबे को कानून के शिकंजे से निकालने का काम किया. इन पुलिसवालों ने दुर्दांत विकास दुबे के काले कारनामों पर पर्दा डाला है. 21 मामलों की फाइल गायब होने के सवाल पर आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा कि पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की जा रही है किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.

आपको बता दें कि चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गयी पुलिस टीम पर दुर्दांत विकास दुबे ने साथियों संग हमला कर दिया था. जिसमें CO सहित 8 पुलिसवालों की मौत हो गयी थी. बाद में विकास दुबे सहित छह बदमाश पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे.

37 पुलिसकर्मी जांच में पाए गए दोषी 
कानपुर में सात सदस्यीय एसआईटी जांच की अगुवाई कर रहे आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि इस घटना के बाद तत्कालीन डीआईजी अनंत देव तिवारी समेत 11 सीओ को भी दोषी पाया गया था. इनकी जांच शासन स्तर से हो रही है. यहां पर जो सूची तैयार की गई है, उसमें इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही पद के लोग शामिल हैं. कार्रवाई की जो सूची तैयार की गई है उसमें 37 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिनमें से दो की मौत हो चुकी है, जबकि चार रिटायर हो चुके हैं.

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