कानपुर: कानपुर को जल्द ही बड़ी सौगात मिलने वाली है. दरअसल, शहर को पहली दफा लाल मिट्टी की पिच की सौगात मिलने वाली है. इसके लिए बीसीसीआई के मानकों के मुताबिक छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में स्टेडियम और मैदान को तैयार हो रहा है. ध्यान दें कि अब तक कानपुर में कहीं पर भी लाल मिट्टी की पिच नहीं है. दरअसल कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम से लेकर कमला क्लब व अन्य मैदानों पर काली मिट्टी की पिच बनाई गई हैं.


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बीसीसीआई की घरेलू ट्रॉफियों के मैच
आने वाले समय में यहां पर बीसीसीआई की घरेलू ट्रॉफियों के मैच के आयोजन हो पाएंगा. मैदान पर पांच मुख्य पिच बनाया जाएगा तो वहीं दो अभ्यास पिच बनाने की योजना है. यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को इसके लिए टेंडर मिल चुका हौ. बड़ी बात ये है कि स्टेडियम में प्रथम चरण का काम शुरू हो चुका है जिसके लिए 35 करोड़ रुपये लग रहे हैं. 


10 हजार की होगी दर्शक क्षमता
स्टेडियम को 10 हजार दर्शक क्षमता के साथ तैयार किया जा रहा है जिसमें सामान्य, पवेलियन, बॉक्स के साथ ही वीवीआईपी के बैठने की सुविधा दी जाएगी. ड्रेसिंग रूम के साथ ही कई और आधुनिक सुविधाएं से लैस इस स्टेडियम को तैयार किया जा रहा है. अंपायर और स्कोरर के बैठने के लिए भी व्यवस्था बनाई जाएगी. इंटरनेशनल स्टेडियम की तरह ही यहां पर मीडिया सेंटर भी होगा. वाईफाई, कॉन्फ्रेंस रूम के साथ ही मेस जैसी कई और सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. इसके अलावा यहां पर तमाम तरह की सुविधाए दी जाएंगी. क्रीड़ा सचिव, सीएसजेएमयू आशीष कटियार के मुताबिक, उम्मीद है कि 2025 के नए खेल सत्र तक स्टेडियम तैयार हो जाए. 


लाल मिट्टी कहां से लाई जा रही, खिलाड़ियों को क्या होगा फायदा?
स्टेडियम में पिचों को तैयार करने के लिए ओडिशा के कालाहांडी से लाल मिट्टी लाया जा रहा है. ध्यान दें कि लाल मिट्टी की पिच और काली मिट्टी की पिच के बीच थोड़ा अंतर होता है. जैसे कि- 
लाल मिट्टी की पिच पर थोड़ी थोड़ी घास भी होती है. 
लाल मिट्टी की पिच पर दरार पड़ने की कम से कम संभावना होती है.
तेज गेंदबाजों को शुरू शुरू में लाल मिट्टी की पिच फायदा पहुंचती है.
तेज गेंदबाजों को लाल मिट्टी की पिच ज्यादा बाउंस मिल पाता है.
बाद में बल्लेबाज के लिए ऐसी पिच काम की साबित होती है. 
टी-20 क्रिकेट के लिए लाल मिट्टी की पिच सबसे आदर्श मानी जाती है.
वहीं, काली मिट्टी की पिच शुरू में दो दिनों बल्लेबाजों के फायदे वाली होती.
बाद में दरार पड़ने से स्पिनर के लिए फायदे वाली पिच साबित होती है.  
काली मिट्टी की पिच टेस्ट के लिए सही मानी गई है.


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