कानपुर: दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि यहां पर 100 से ज्यादा नाइजीरियन लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह लोग मेडिकल और टूरिस्ट वीजा पर भारत तो आए, लेकिन वीजा खत्म होने पर यहां से गए नहीं. बल्कि, कब्जा कर देशवासियों की तरह ही रहने लगे. इन लोगों की बाकायदा एक सोसाइटी बनी हुई है और सोसायटी में छोटे-छोटे ग्रुप हैं.


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यह बात भी सामने आ रही है क दिल्ली में बैठे यह नाइजीरियन देशभर में साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इस बात का खुलासा पुलिस ने किया है. साइबर ठगी की एक कंप्लेंट मिलने के बाद जांच में पाया गया कि नाइजीरियन ओकुरिवामा मोसिस इस ठगी का मुख्य आरोपी है, जो दिल्ली में बिना वीजा के रह रहा है. वह सोशल साइट्स पर लोगों से दोस्ती करता था और फिर ठगी को अंजाम देता था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया है. आरोपी मोसिस के मोबाइल फोन से कई खुलासे हुए. क्रइम ब्रांच ने दिल्ली जाकर सबूत और तथ्य भी इकट्ठा कर लिए हैं.


व्हॉट्एप ग्रप से हुआ खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी मोसिस के मोबाइल में एक व्हॉट्सएप ग्रुप था, दिसका नाम है 'अजामैन'. इस ग्रुप में कई नाइजीरियन और क्रिश्चियन कम्यूनिटी से जुड़े लोग शामिल हैं. जांच में पता चला है कि देश की राजधानी में 100 से ज्यादा नाइजीरियन अवैध तरीके से कई सालों से रह रहे हैं. इन लोगों ने अजामैन नाम की एक सोसाइटी बनाई है और सभी देश के अलग-अलग कोनों में साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं. क्राइम ब्रांच ने दिल्ली पुलिस से भी यह जानकारी साझा की है. 


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हो गए अरेस्ट तो ग्रुप से होंगे बाहर
जब आरोपी के फोन से व्हॉट्सएप ग्रुप की जांच की गई तो बड़े राज से पर्दा हटा. चैट में एक लिंक मिला जिसमें हजारों करोड़ों रुपये की ठगी की बात थी. उस लिंक में यह खबर थी कि सीबीआई ने बड़ी ठगी के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद उस ग्रुप में जो लोग जुड़े हैं, उन्होंने लिखा कि अरेस्ट होने वाले को ग्रुप से बाहर निकालो और उसका नंबर डिलीट कर दो. 


साउथ इंडिया के कुछ लोग भी करते हैं मदद
मीडिया में छपी खबरों के अमुसार नाइजीरियन ठगों के संपर्क में दक्षिण भारत के कुछ लोग भी हैं. ये लोग क्राइम में नाइजीरियन की मदद करते हैं. सबने अपने असली नाम छिपा कर रखे हैं. आरोपी मोसिस की एक फीमेल फ्रेंड मेंडी नाम की लड़की को कानपुर क्राइम ब्रांच ने ट्रेस कर लिया है. जल्द ही पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी.


पहले से एक्टिवेटेड सिम खरीदते हैं ठग
बताया जा रहा है कि नाइजीरिया के ठग भारत में आकर प्री-एक्टिवेटेड सिम खरीदते हैं. फिर फेक डॉक्यूमेंट बनाते हैं और उसी नंबर के जरिये अकाउंट खुलवाते हैं. एक दूसरे से कॉन्टैक्ट करने के लिए भी ये लोग इसी नंबर का इस्तेमाल करते हैं. कोई ट्रेस न कर पाए इसलिए, अपनी गैंग के अलावा इस नंबर से और कोई फोन नहीं करते. और सभी के नाम का कोड बना दिया गया है, जिससे वे नंबर सेव करते हैं.


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