लगभग 4700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे (Kanpur Lucknow Expressway) अगले महीने यानी जून 2025 में शुरू हो रहा है.
बताया जा रहा है कि लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे को खास तौर से इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि इसपर वाहन 120 किलोमीटर की रफ्तार से फर्राटा भर सकेंगे.
कानपुर से लखनऊ तक पहुंचने में फिलहाल करीब तीन घंटे लगते हैं लेकिन दावा किया जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे पर 120 कि.मी. की रफ्तार से फर्राटा भरते हुए यह सफर मात्र 45 मिनट में पूरा किया जा सकेगा.
मात्र 63 किलोमीटर लंबे लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का 18 किमी हिस्सा एलिवेटेड है और 45 किलोमीटर ग्रीन फील्ड रूट तैयार किया गया है.ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या ऑटो, लोडर और दोपहिया जैसे हल्के वाहनों को इस पर चलने की इजाजत होगी.
कार्यदायी एजेंसी पीएनसी के प्रशासनिक अधिकारी उदित जैन ने बताया कि निर्माणाधीन कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बाइक सवारों, ऑटो आदि के चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी.यह देश के कुछ ऐसे चुनिंदा एक्सप्रेसवे में से होगा जिन पर बाइक नहीं चलने दी जाएगी.
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और नियमों की अवहेलना ना हो इसके लिए इस एक्सप्रेसवे पर पांच टोल प्लाजा बने हैं. एक्सप्रेसवे पर लगे अत्याधुनिक तकनीकी व लांग डिस्टेंस पर नजर रखने वाले कैमरे भी इस बात की जानकारी टोल प्रबंधन को विजुअल के माध्यम से देंगे.
यह देश में AIMGC (आटोमेटेड इंटेलिजेंस मशीन गाइडेड कंस्ट्रक्शन) तकनीक से बनने वाली एक्सप्रेस वे होग, जिस पर ऑटो, लोडर आदि छोटे सवारी व माल वाहन भी नहीं चल सकेंगे
इस एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों के लिए स्पीड लिमिट तय की गई है. भारी वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगे. जहां रैंप हैं वहीं टोल प्लाजा होने से बीच में अथवा शुरुआत में चढ़ने वाले वाहनों पर नजर रहेगी.
पहला टोल प्लाजा मीरनपुर पिनवट के पास मिलेगा. दूसरा टोल खंडेदेव पर, तीसरा टोल बनी के पास और चौथा टोल उन्नाव-लालगंज के पास पड़ने वाले अमरसास गांव के पास और आखिरी यानी पांचवां टोल आजाद नगर के पास बनाया गया है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.