Kanpur News: कानपुर आईआईटी की एक रिसर्च स्कॉलर द्वारा साइबर क्राइम ब्रांच में तैनात एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाने के बाद मामला गरमा गया है. पीड़िता की शिकायत पर कल्याणपुर थाने में रेप की एफआईआर दर्ज होने के बाद, एसआईटी और फोरेंसिक टीम ने शुक्रवार को आईआईटी परिसर में जांच-पड़ताल की.


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एसआईटी को मिले मजबूत इलेक्ट्रॉनिक सबूत
शुक्रवार को एसआईटी और फोरेंसिक टीम ने चार से पांच घंटे तक आईआईटी हॉस्टल की बारीकी से जांच की. छात्रा के हॉस्टल रजिस्टर, सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्डिंग, व्हाट्सएप चैट और अन्य डिजिटल सबूत टीम को मिले हैं. इन साक्ष्यों में आरोपी एसीपी और पीड़िता के बीच बातचीत और मुलाकात का पूरा विवरण शामिल है.


कैसे हुआ भरोसे का दुरुपयोग?
पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि एसीपी मोहसिन से उसकी पहली मुलाकात दिसंबर 2023 में आईआईटी में हुई थी. मोहसिन ने पीएचडी में एडमिशन के बहाने छात्रा से नजदीकियां बढ़ाईं और फिर रिश्ते का प्रस्ताव रखा. उन्होंने खुद को अविवाहित बताया, लेकिन बाद में पता चला कि वह शादीशुदा हैं और एक बच्ची के पिता भी हैं. 


झूठा वादा करके उसके साथ संबंध बनाए
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में एसीपी मोहसिन को छात्रा के साथ देखा गया है, और उनके हॉस्टल आने-जाने की एंट्रियां भी रजिस्टर में दर्ज हैं. छात्रा ने अपनी कॉल रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैटिंग को भी बतौर सबूत पेश किया है.


छात्रा ने बताया कि मोहसिन ने प्यार और शादी का झूठा वादा करके उसके साथ संबंध बनाए. जब छात्रा को सच्चाई का पता चला, तो उसने मोहसिन से रिश्ता खत्म करने की बात कही, लेकिन मोहसिन ने तलाक का बहाना बनाकर उसे भ्रमित रखा.


एफआईआर और एसआईटी की जांच
गुरुवार को पीड़िता की शिकायत पर आरोपी एसीपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहित की धारा-69 के तहत एफआईआर दर्ज की गई. इसके तुरंत बाद मोहसिन को लखनऊ हेडक्वार्टर अटैच कर दिया गया. इस मामले में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. एसआईटी ने शुक्रवार को पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया और धारा-161 के तहत बयान दर्ज किए. आज शनिवार को पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज किए जाएंगे.


गिरफ्तारी न होने पर उठ रहे सवाल
एफआईआर दर्ज होने के बावजूद आरोपी एसीपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है. कानपुर बार एसोसिएशन और सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इतने गंभीर अपराध में आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.


न्याय की आस में पीड़िता 
यह मामला कानपुर आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की साख पर भी सवाल खड़ा कर रहा है. पीड़िता ने साहस दिखाकर आरोपी के खिलाफ आवाज उठाई है और अब पूरे समाज की नजरें पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं.


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