Kanpur Latest News: प्रदेश सरकार धार्मिक स्थलों में काफी रुचि दिखा रही है. गाजियाबाद, काशी, अयोध्या, चित्रकूट समेत प्रदेश के कई जिलों में धार्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है. इसी क्रम में अब कानपुर में भी गंगा के किनारे नए घाट बनाने की योजना बनाई जा रही है.
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Kanpur Hindi News: कानपुर के बैराज से सिद्धनाथ घाट तक बनने वाले 11.5 किमी लंबे गंगा रिवर फ्रंट को अब ऐतिहासिक बिठूर से जोड़ने की योजना बनाई जा रही है. इस परियोजना के तहत, गंगा के किनारे-किनारे परियर सेतु तक पथ निर्माण की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा. मंडलायुक्त के निर्देश पर एक टीम पटना के गंगा पथ का अध्ययन करेगी ताकि वहां की तर्ज पर इस पथ का विकास किया जा सके.
बिठूर महोत्सव को मिलेगा नया मुकाम
1992 में शुरू हुए बिठूर महोत्सव का मुख्य उद्देश्य यहां के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को पर्यटन के केंद्र में लाना था. इस महोत्सव में अब तक कई नामचीन कलाकार अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं, लेकिन पर्यटन के क्षेत्र में अभी तक अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है.
मुख्यमंत्री योगी ने दिखाई रुचि
बिठूर को गंगा रिवर फ्रंट से जोड़ने की योजना पर पहले भी चर्चा हुई थी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने कानपुर दौरे के दौरान इस पर रुचि दिखाई थी, और विधायक नीलिमा कटियार ने इसे लेकर मुद्दा उठाया था. अब मंडलायुक्त की ओर से केडीए, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग और सेतु निगम के अधिकारियों की एक टीम पटना जाकर गंगा पथ का अध्ययन करेगी.
ऐतिहासिक स्थलों का मिलेगा भव्य दृश्य
चुंगी से ब्रह्मावर्त घाट का मार्ग संकरा है, जिससे चौड़ीकरण की संभावनाएं कम हैं. ऐसे में गंगा के किनारे परियर सेतु तक एक नया मार्ग बनाया जाएगा, जिससे बिठूर के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों का विहंगम दृश्य देखने को मिलेगा.
बिठूर महोत्सव और पर्यटन का नया दौर
2010 के बाद बिठूर महोत्सव कुछ सालों के लिए बंद हो गया था, लेकिन 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बिठूर आगमन पर इसे फिर से शुरू किया गया. 2019, 2020 और 2024 के सफल आयोजनों के बाद नाना साहब पेशवा की जयंती के 200 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 21 से 23 मार्च 2025 तक फिर से महोत्सव आयोजित किया जा रहा है. इसके समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की संभावना है.
नए गंगा पथ से पर्यटन को बढ़ावा
गंगा रिवर फ्रंट को बिठूर से जोड़ने और नए गंगा पथ के निर्माण से कानपुर और बिठूर का पर्यटन नए स्तर पर पहुंचेगा. यह परियोजना न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी.
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