कांशीराम की 13वीं पुण्यतिथि आज, मायावती बोलीं- 'उनके सपने होंगे साकार'
पिछड़े, दलितों और आदिवासियों को राजनीति में एक अहम स्थान दिलाने वाले कांशीराम डॉ. भीमराव आंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं.
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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) प्रमुख मायावती (Mayawati) ने बुधवार को कांशीराम को उनकी पुण्यतिथि (Kanshi Ram Death Anniversary) पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान बसपा प्रमुख ने उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया.
मायावती ने ट्विटर के माध्यम से कांशीराम को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, बामसेफ, डीएस4 व बीएसपी मूवमेन्ट के जन्मदाता व संस्थापक मान्य कांशीराम को आज उनकी पुण्यतिथि पर बीएसपी द्वारा देश व विशेषकर यूपी में अनेकों कार्यक्रमों के जरिए भावभीनी श्रद्धांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित. उपेक्षितों के हक में उनका संघर्ष था. वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा.
1 बामसेफ, डीएस4 व बीएसपी मूवमेन्ट के जन्मदाता व संस्थापक मान्य श्री कांशीरामजी को आज उनकी पुण्यतिथि पर बीएसपी द्वारा देश व विशेषकर यूपी में अनेकों कार्यक्रमों के जरिए भावभीनी श्रद्धांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित। उपेक्षितों के हक में उनका संघर्ष था वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा।
— Mayawati (@Mayawati) October 9, 2019
मायावती ने लिखा, दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर स्थित प्रेरणा केंद्र में तथा लखनऊ में बीएसपी सरकार द्वारा वीआईपी रोड में स्थापित भव्य मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल के आयोजनों में बहुजन नायक माननीय कांशीराम को पुष्पांजलि व श्रद्घा-सुमन अर्पित. उनके सपनों को साकार करने का संकल्प.
2. दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर स्थित प्रेरणा केन्द में तथा लखनऊ में बीएसपी सरकार द्वारा वीआईपी रोड में स्थापित भव्य मान्यवर श्री कांशीरामजी स्मारक स्थल के आयोजनों में बहुजन नायक मा. श्री कांशीराम जी को पुष्पांजलि व श्रद्धा-सुमन अर्पित। उनके सपनों को साकार करने का संकल्प।
— Mayawati (@Mayawati) October 9, 2019
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उन्होंने आगे लिखा, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मूवमेन्ट को समर्पित कांशीराम जी जानते थे कि जातिवादी व संकीर्ण ताकतें साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंडों से मूवमेन्ट को चुनौतियां देती रहेंगी, जिसका सूझबूझ से मुकाबला करके आगे बढ़ना है जिसका बेहतरीन उदाहरण यूपी है.
3 बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मूवमेन्ट को समर्पित श्री कांशीरामजी जानते थे कि जातिवादी व संकीर्ण ताकतें साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों से BSP मूवमेन्ट को चुनौतियाँ देती रहेंगी जिसका सूझबूझ से मुकाबला करके आगे बढ़ना है जिसका बेहतरीन उदाहरण यूपी है
— Mayawati (@Mayawati) October 9, 2019
आपको बता दें कि पिछड़े, दलितों और आदिवासियों को राजनीति में एक अहम स्थान दिलाने वाले कांशीराम डॉ. भीमराव आंबेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं. बुधवार को उनकी 13वीं पुण्यतिथि है. 9 अक्टूबर 2006 को उनका निधन हुआ था.
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