लॉक डाउन पार्ट-3 में भी केंद्र सरकार ने देश के सभी मंदिरों को बंद रखने का फैसला लिया है जबकि सशर्त शराब की दुकानों को खोलने का आदेश दे दिया गया है. काशी विद्वत परिषद ने इस फैसले का विरोध किया है.
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नवीन पांडेय/ वाराणसी: लॉक डाउन पार्ट-3 में भी केंद्र सरकार ने देश के सभी मंदिरों को बंद रखने का फैसला लिया है जबकि सशर्त शराब की दुकानों को खोलने का आदेश दे दिया गया है. काशी विद्वत परिषद ने इस फैसले का विरोध किया है. परिषद ने मांग की है कि अगर मदिरालय खुल रहे हैं तो देवालय क्यों नहीं खोले जा सकते हैं?. काशी विद्वत परिषद की इस मांग का समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है.
काशी विद्वत परिषद के मंत्री राम नारायण द्विवेदी ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि लॉकडाउन के दौरान मंदिरों को खोलकर श्रद्धालुओं के आने की व्यवस्था की जाए. अपनी इस मांग के पीछे विद्वत परिषद ने तर्क भी दिए हैं इनकी मानें तो मदिरा से पैशाचिक प्रवृत्ति बढ़ती है, ऐसे में धर्म का मार्ग प्रमुख होता है और इसी मार्ग के माध्यम से लॉक डाउन में जिंदगी कायदे से चल पाएगी.
वहीं काशी विद्वत परिषद की इस मांग का समाजवादी पार्टी ने समर्थन किया है. सपा नेता संदीप मिश्रा ने परिषद की मांग पर विचार करने को कहा है.
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आपको बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर को 21 मार्च को बंद किया गया था. इस दौरान पुजारियों की नियमित पूजा-अर्चना पर रोक नहीं लगाई गई थी, पुजारी मंदिर में प्रवेश कर दैनिक पूजा-अर्चना करते हैं.
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