Urvashi Mandir History: बद्रीनाथ धाम से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर उर्वशी देवी का मंदिर स्थापित है. यह मंदिर अप्सरा उर्वशी को समर्पित है. यह मंदिर नीलकंठ पर्वत और नारायण पर्वत की गोद में स्थापित है.
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Urvashi Mandir Uttarakhand: बॉलीवड़ अभिनेत्री उर्वशी रौतेला का दावा है कि उत्तराखंड में पहले से ही उनके नाम का मंदिर है. इसका नाम उर्वशी मंदिर है. इसके बाद उत्तराखंड में उर्वशी रौतेला को लेकर बवाल मच गया. लोग उर्वशी रौतेला के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. तो आइये जानते हैं उत्तराखंड के उर्वशी मंदिर के बारे में...
कहां हैं उर्वशी मंदिर?
जानकारी के मुताबिक, चमोली जिले के बद्रीनाथ मंदिर से करीब 1.5 किलोमीटर दूर बामनी गांव में पवित्र अलकनंदा नदी के तट पर उर्वशी मंदिर स्थापित है. यह मंदिर अप्सरा उर्वशी देवी जी को समर्पित है. मंदिर में देवी उर्वशी की मूर्ति स्थापित है. यह मंदिर नीलकंठ पर्वत और नारायण पर्वत की गोद में स्थापित है.
यह है मान्यता
मान्यता है कि भगवान विष्णु बद्रिकाश्रम में तपस्या कर रहे थे. उनकी साधना के फलस्वरूप जंघा से सुंदर अप्सरा का जन्म हुआ, जिसका नाम उर्वशी था. उर्वशी को स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सराओं में से एक माना जाता है. स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी ने बामणी गांव के निकट कुछ दिन बिताए. इस स्थान पर मां उर्वशी को देवी के रूप में पूजन किया जाने लगा.
मई से जून के महीने में जाएं दर्शन करने
उर्वशी मंदिर को लेकर एक और मान्यता है कि माता सती को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव ने पृथ्वी लोक का भ्रमण किया था. इस दौरान सुदर्शन चक्र से सती के कई टुकडे़ हुए. मान्यता है कि एक टुकड़ा बामणी गांव में भी गिरा. इसे उर्वशी देवी के रूप में पूजन किया जाने लगा. बता दें कि बद्रीनाथ धाम के बगल में ही यह मंदिर स्थापित है. सुबह 7 बजे से रात के 8 बजे तक दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खुले रहते हैं. मई से जून के बीच के महीनों में यहां यात्रा करना सबसे बेस्ट होता है.
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