2019 से पहले बीजेपी का 'OBC कार्ड', यूपी के सभी जिलों की एक सड़क कर्पूरी ठाकुर के होगी नाम
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2019 से पहले बीजेपी का 'OBC कार्ड', यूपी के सभी जिलों की एक सड़क कर्पूरी ठाकुर के होगी नाम

उन्होंने लोगों से कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हो जाए.

पीडब्लूडी के विश्वेश्वरैया सभागार में आयोजित सम्मेलन को उप मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित किया. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 में ओबीसी वोटरों को साधने के बाद बीजेपी ने 'ओबीसी कार्ड' खेला है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेश के हर जिले में एक सड़क का नाम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के नाम पर किए जाने की घोषणा की है. केशव गुरुवार (09 अगस्त) को पीडब्ल्यूडी के विश्वेश्वरैया सभागार में आयोजित सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए इसकी घोषणा की. 

पिछड़ा मोर्चा के बैनर तले पिछले तीन दिनों से लगातार सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन कर रही बीजेपी ने गुरुवार को नाई, सविता, सेन, नंद, ठाकुर तथा अन्य उप जातियों को साधने की पहल की.

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लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपने 2014 में 73 सांसद जिताए. 2019 में 73+ सांसद जिताकर नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व को विजयी बनाने का संकल्प लेकर यहां से जाइए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह आपका सौभाग्य है कि पिछड़ों के बीच से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. मोदी सर्व समाज के उत्थान पर विचार करते हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हो जाए. प्रधानमंत्री मोदी को एक बार फिर से पीएम बनाकर  उनकी दूसरी पारी शुरू कराने में भूमिका निभाएं. 

सम्मेलन में उन्होंने मिस्ड काल के जरिये बीजेपी का सदस्य बनने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि विपक्षी पर्टियां मोदी को रोकने की नाकाम कोशिश कर रही है. देश का गरीब, दलित, पिछड़ा, वंचित, किसान, नौजवान सभी जानते है कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ईमानदारी के साथ गरीबों के लिए काम कर रहे हैं. राहुल गांधी और उनका कुनबा, सपा-बसपा या अन्य विरोधी दल पीएम को रोकने में लगे है. कांग्रेस जानती है कि अबकी अगर मोदी आ गए तो फिर कांग्रेस कभी सत्ता में नहीं आ पाएगी.

आपको बता दें कि बीजेपी पिछड़ा मोर्चा का उपजातियों को साधन का क्रम मंगलवार (07 अगस्त) से शुरू हुआ. मंगलवार को प्रजापति, कुम्हार और बुधवार को राजभर और बीआर जातियों के सम्मेलन के बाद ये तीसरा सम्मेलन था. इसमें हर जिले से नाई समाज के दस प्रतिनिधि आये थे. 

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