राम मंदिर बिल पर डिप्टी CM ने लिया U-TRUN, कहा- 'बिल को लाने के लिए ये सही समय नहीं'
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राम मंदिर बिल पर डिप्टी CM ने लिया U-TRUN, कहा- 'बिल को लाने के लिए ये सही समय नहीं'

उन्होंने कहा कि लोकसभा में हमारे पास बहुमत है लेकिन, राज्य सभा में हमारे पास इतना बहुमत नहीं है कि हम बिल को पास करा दें. 

सोमवार को दिए अपने बयान पर उन्होंने सफाई दी. (फोटो- एएनआई)

नई दिल्ली/लखनऊ: साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या का राम मंदिर मामले ने तब तूल पकड़ा, जब उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अगर राम जन्मभूमि का मुद्दा कोर्ट या आपसी बातचीत से हल नहीं होगा तो सरकार संसद में कानून बनाकर राम मंदिर निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगी. अपने इस बयान के बाद उन्होंने अपने ही बयान से यू-टर्न लिया है.  

 

 

उन्होंने कहा है,' हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा में हमारे पास बहुमत है लेकिन, राज्य सभा में हमारे पास इतना बहुमत नहीं है कि हम बिल को पास करा दें. उन्होंने कहा कि अभी इस बिल को लाने के लिए ये उचित समय नहीं है'.  

आपको बता दें कि राम मंदिर के मामले में बीजेपी की तरफ से सोमवार (20 अगस्त) को बड़ा बयान आया है. उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो हम राम मंदिर के लिए संसद से कानून पास कर सकते हैं. 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी की यूपी में राजनीति राममंदिर के इर्द गिर्द घूमती है, ऐसे में उपमुख्यमंत्री का ये बयान कई मायनों में अहम है. हालांकि, अभी बीजेपी के दूसरे बड़े नेताओं ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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वहीं, बीजेपी के बलिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि सरकार जिस तरह एससी एसटी एक्ट के लिए विधेयक लाई है, उसे राम मंदिर के लिए भी ऐसा ही विधेयक लाना चाहिए. उपमुख्यमंत्री के इस बयान के बाद मौर्य के राम मंदिर पर दिए गए बयान को लेकर मुस्लिम संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. इन संगठनों का कहना है कि राम मंदिर मुद्दे को जानबूझकर हवा दी जा रही है. इस तरह के संवेदनशील मुद्दे पर बयानबाजी सही नहीं है. 

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