कुंभ 2019: ऑडिट रिपोर्ट में पाई गईं करोड़ों रुपये की अनियमितता, सरकार के निर्देशों का भी उल्लंघन
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कुंभ 2019: ऑडिट रिपोर्ट में पाई गईं करोड़ों रुपये की अनियमितता, सरकार के निर्देशों का भी उल्लंघन

श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को देखते हुए शौचालय की व्यवस्था करने के साथ अन्य कार्य कराए गए होते तो बड़ी धनराशि बचाई जा सकती थी. इसके अलावा, न्यूनतम निविदा के बजाय अधिक राशि पर शौचालय लिए गए...

कुंभ 2019: ऑडिट रिपोर्ट में पाई गईं करोड़ों रुपये की अनियमितता, सरकार के निर्देशों का भी उल्लंघन

मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज:  संगम की रेती पर साल 2019 में लगे दिव्य और भव्य कुंभ को लेकर भले ही दुनिया भर में चर्चा रही हो, लेकिन सीएजी की रिपोर्ट में इस मेले में हुए कार्यों को लेकर बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं. गुरुवार को जारी हुई सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट में कुंभ के लिए शौचालय खरीद में करोड़ों रुपये की अनियमितता पाई गई है. सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक, जिस शौचालय की कीमत 36,500 रुपये थी, उसी शौचालय को 42 हजार रुपये में खरीदा गया. इसकी वजह से 8.75 करोड़ रुपये का ज्यादा भुगतान करना पड़ा. रिपोर्ट में कई अन्य बिंदुओं पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. 

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खर्चे गए 8.75 करोड़ रुपये ज्यादा
सीएजी के प्रधान महालेखाकार ने कहा कि कुंभ 2019 के कार्यों को लेकर कोई मानक तय नहीं किया गया. श्रद्धालुओं की संभावित संख्या को देखते हुए शौचालय की व्यवस्था करने के साथ अन्य कार्य कराए गए होते तो बड़ी धनराशि बचाई जा सकती थी. इसके अलावा, न्यूनतम निविदा के बजाय अधिक राशि पर शौचालय लिए गए. कुंभ में अलग-अलग तरीके के 89,494 अस्थायी शौचालय और 17,910 मूत्रालय खरीदे गए थे. फाइबर प्रबलित प्लास्टिक शौचालय 42 हजार रुपये में खरीदे गए. उन्होंने बताया कि फाइबर प्रबलित प्लास्टिक सेप्टिक 36,500 तथा फाइबर प्रबलित प्लास्टिक सोकपिट 29,000 की दर से खरीदे गए होते तो 8.75 करोड़ रुपये बचाए जा सकते थे. सीएजी रिपोर्ट के मुताबिक, ठेकेदारों को भी 1.27 करोड़ का अतिरिक्त लाभ पहुंचाया गया.

कई कार्यों की पेश ही नहीं की गई रिपोर्ट
प्रधान महालेखाकार के मुताबिक, कुंभ कार्यों की थर्ड पार्टी जांच कराई गई थी, लेकिन जांच करने वाली एजेंसी सीएजी टीम के सामने रिपोर्ट पेश नहीं कर सकी. कुंभ के कई अन्य कार्यों की रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं कराई गई. कुंभ के कार्यों में कई अन्य स्तर पर भी नियमों की अनदेखी तथा अनियमितता सामने आई हैं. सीएजी के प्रधान महालेखाकार ने बताया कि विभागों ने निर्धारित समयसीमा में काम पूरा नहीं किया. इसके चलते 58 स्थायी और 11 अस्थायी कार्य कुंभ मेला शुरू होने तक 15 फीसदी अधूरे थे. वहीं, 7.83 करोड़ रुपये के अग्निशमन वाहनों, सामग्री जांच यंत्र, टायर किलर, डिजिटल रेडियो एचएफ सेट और ड्रोन कैमरा या तो प्राप्त नहीं हुए और जो प्राप्त हुए, उसका उपयोग नहीं हो सका. इस तरीके की अनियमितताएं पाई गई हैं.

केंद्र सरकार के निर्देशों को भी रखा गया ताक पर
केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन कर राज्य आपदा राहत कोष से पुलिस को कुंभ मेला में उपकरण मुहैया कराने में 65.87 करोड़ रुपये व्यय कर दिए. लोक निर्माण विभाग ने वित्तीय स्वीकृति के बिना सड़कों की मरम्मत, सड़क किनारे के पेड़ों पर चित्रकारी से संबंधित कार्य करा दिए. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने प्रचार-प्रसार के लिए 14.67 करोड़ आवंटन के सापेक्ष 29.33 करोड़ रुपये की धनराशि का कार्य आवंटित कर दिया. गौरतलब है कि कुंभ 2019 के लिए नगर विकास विभाग ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण को 2,744 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे. इसमें करीब 14 विभागों ने काम किया था. हर विभाग के लिए अलग से बजट जारी हुआ था.

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