कुशीनगर हादसे में तीनों बच्चे खोने वाली मां रोते हुए बोली- क्या पता था उनका टाटा आखिरी अलविदा है
Advertisement

कुशीनगर हादसे में तीनों बच्चे खोने वाली मां रोते हुए बोली- क्या पता था उनका टाटा आखिरी अलविदा है

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुए वैन हादसे में अपने बच्चों को खोने वाले माता-पिता सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं. अपने बच्चों को याद करते हुए बार-बार उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं.

कुशीनगर हादसे में तीनों बच्चे खोने वाली मां रोते हुए बोली- क्या पता था उनका टाटा आखिरी अलविदा है

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हुए वैन हादसे में अपने बच्चों को खोने वाले माता-पिता सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं. अपने बच्चों को याद करते हुए बार-बार उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. अपने जिगर के जिन टुकड़ों को गोदी में लिए कभी लोरी सुनाया करते थे, आज उनके शवों को गोदी में लिए माता-पिता भगवान ने उनकी जिंदगी वापस मांग रहे हैं. हादसे में एक मां ने तो एक साथ अपने तीनों बच्चे खो दिए. वो रोते हुए कहती हैं, 'वो (बच्चे) मुझे टाटा कहकर गए थे, क्या पता था ये उनका आखिरी अलविदा है.'

  1. कुशीनगर वैन हादसे में 13 बच्चों की मौत
  2. बच्चों को खोने के बाद सदमे में हैं माता-पिता
  3. शवों को देख कई माता-पिता हुए बेहोश

मैं पत्नी को कैसे मुंह दिखाऊं
कुशीनगर जिला अस्पताल की मॉर्चुरी में तीनों बच्चों के शवों को देखकर पिता अमरजीत बेहोश हो गए. होश आने पर चीखों और आंसुओं के साथ उन्होंने बच्चों संतोष, रवि और रागिनी के शवों को गले लगा लिया. ड्राइवर की लापरवाही के कारण भविष्य की अपनी पूरी पीढ़ी खो देने वाले अमरजीत कहते हैं कि वे अब अपनी पत्नी को कैसे मुंह दिखाएंगे. 'वो हमेशा कहती थी कि इस ओवरलोड वैन में बच्चों को मत भेजो, लेकिन मैंने नहीं सुनी, अब मैं कैसे उसके सामने जाऊं.'

अब हम किसके लिए जिएं
दूसरी ओर तीनों बच्चों को खोने वाली मां लगातार रो रही हैं. थोड़ा सा होश आने पर बस वो यही कहती रहती हैं कि, इतना बड़ा अन्याय हमारे साथ क्यों किया भगवान... कौन से पापों की सजा हमारे बच्चों को दी है... हमको उठा लेता... अब हम किस के लिए जिएं.

मॉर्चुरी में माता-पिता की चीखों ने दिल दहला दिया
कुशीनगर में हादसे के बाद अस्पताल के मॉर्चुरी का दृश्य दिल दहला देने वाला था. माता-पिता अपने बच्चों की खोज में शवों पर से सफेद चादर खींच रहे थे. जैसे ही उन्हें अपने बच्चे की लाश मिलती वे चीख मारते हुए रो पड़ते और जमीन पर गिर जाते. अपने बच्चों के खून से सने शवों को वे गले से लगाए रहते और बस यही कहते रहते कि आखिर उनके साथ ऐसा क्यों हुआ.

डॉक्टर, नर्स और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों को हालात संभालने में काफी मुश्किल आई. अस्पताल की ओर से बताया गया कि अपने बच्चों की तलाश में आए माता-पिता जब उनकी लाशें देखते तो हालात काबू करना मुश्किल हो जाता. शवों को देख किसी का बीपी बढ़ गया तो कोई बेहोश हो गया, जिस वजह से उन्हें इमरजेंसी वार्ड में एडमिट किया गया.

अब मुझे पापा कहकर कौन पुकारेगा?
अमरजीत की तरह ही जाहिर, हैदर अली, हसन और मोइनुद्दीन ने भी अपने बच्चों को इस हादसे में खो दिया. हसन जिन्होंने दुर्घटना में अपनी दोनों बेटियों साजिदा और तमन्ना को खो दिया वे रोते हुए कहते हैं कि अब मुझे पापा कहकर कौन बुलाएगा.... कौन मुझे ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार कविता सुनाएगा.

मासूम बच्चों को खोने वाले परिवार और उनके परिजनों ने मॉर्चुरी व अस्पताल पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ से गुस्सा निकालते हुए कहा कि, हमारे बच्चों की जिंदगी वापस लाने के लिए हम आपको पांच लाख रुपये देंगे. उनकी मौत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? इसके बाद परिजनों ने रेलवे के खिलाफ नारे लगाए. सीएम ने जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन अपने बच्चों को खोने वाले परिवारों के लिए अब इसका कोई मतलब नहीं रह गया है. 

Trending news