लखनऊ: कोरोना आपदा के दौरान मजदूरों के लिए सबसे महफूज ठिकाना जो प्रदेश बना हुआ है, वो उत्तर प्रदेश (UP) है. देश भर में अकेला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) ही है जहां अप्रवासी मजदूरों के पलायन की संख्या सबसे कम है और यहां घर वापसी करने वाले मजदूरों की संख्या सबसे ज्यादा.
टीम-11 की बैठक में हुई समीक्षा
कोरोना को लेकर होने वाली टीम-11 की बैठक में इस बात की समीक्षा हुई है कि मजदूरों के लिए किन व्यवस्थाओं की ज़रूरत प्रदेश में है. बैठक में ये बात सामने आई कि दूसरे राज्यों में रहने वाले 3 लाख से ज्यादा मजदूरों की घर वापसी सरकार (Yogi Sarkar) करा चुकी है. बैठक में ये तथ्य भी पता चला कि प्रदेश से मजदूरों के जाने का आंकड़ा लौटने वालों की अपेक्षा बेहद कम है.
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योगी सरकार दे रही है रोजगार और सुविधाएं
सबसे बड़ी आबादी के बावजूद योगी सरकार (Yogi Adityanath) लगातार सबके लिए भोजन, रोजगार, भरण पोषण और सुरक्षा का इंतजाम कर रही है. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान भी यूपी की बंद पड़ी औद्योगिक इकाईयों से योगी सरकार ने कर्मचारियों को भुगतान कराया है. सरकार के प्रयास से लॉकडाउन 1 के दौरान प्रदेश में सभी 119 चीनी मिलें चलती रहीं. 12000 ईंट भट्ठे और 2500 कोल्ड स्टोरेज भी लगातार चलते रहे. चीनी मिलों के जरिए लगभग 1000 , भट्ठे में लगभग 200 और कोल्ड स्टोरेज में लगभग 150 लोगों को लगातार रोजगार और मानदेय मिलता रहा. योगी सरकार ने बड़ी औद्योगिक इकाईयां चलवाईं, जिनमें 2.12 लाख लोगों को रोजगार मिला.
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कामगारों और श्रमिकों को सुविधाएं दिलाने का प्रयास जारी
श्रमिकों, कामगारों के रोजगार, मानदेय और भरण पोषण भत्ते समेत तमाम सुविधाएं दिलाने को लेकर सीएम योगी ने अपनी टीम (Team-11) के साथ मिलकर योजनाएं बनाई हैं. सीएम ने हर दिन 50 लाख लोगों को मनरेगा से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. फिलहाल मनरेगा में 23.6 लाख लोगों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है. योगी सरकार (Yogi Adityanath) अब तक 31.70 लाख निराश्रित और निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपये का का भरण-पोषण भत्ता और मुफ्त खाद्यान्न मुहैया करा चुकी है.
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