प्रयागराज कुंभ में प्रदेश सरकार से 109 करोड़ की ठगी कर रहे थे 'लल्लू जी एंड संस', अब धरे गए
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प्रयागराज कुंभ में प्रदेश सरकार से 109 करोड़ की ठगी कर रहे थे 'लल्लू जी एंड संस', अब धरे गए

तत्कालीन अपर कुंभ मेलाधिकारी की तहरीर के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से देश के इतिहास में सबसे बड़े अस्थाई शहर का निर्माण कराया जाना था. इसके लिए टेंट, टीन, फर्नीचर की जिम्मेदारी लल्लू जी एंड संस को दी गई थी. मेला प्राधिकरण के अफसरों के अनुसार पेमेंट के लिए टेंट कंपनी नें 196.24 करोड़ रुपये के बिल पेश किए.

प्रयागराद कुंभ मेला-2019 (फाइल फोटो).

प्रयागराज: साल 2019 के कुंभ में 109 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पेश करने पर टेंट सुविधा देने वाली कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बीते शुक्रवार नामी कंपनी 'लल्लू जी एंड संस' समेत 11 लोगों के खिलाफ इस मामले में FIR दाखिल की गई. टेंट कंपनी के मालिक और उसके साझेदारों पर आरोप है कि उसने कूटरचित दस्तावेज बना कर फर्जी भुगतान के लिए कुंभ मेला अधिकारियों के नकली सिग्नेचर किए और बिल तैयार कर लिए. इसके साथ ही अब लल्लू जी एंड संस पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट हो गए हैं. 

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इन लोगों पर दर्ज हुआ धोखाधड़ी का केस 
बता दें, करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान के लिए बिल और वाउचर लगाने के मामले में तत्कालीन अपर कुंभ मेला अधिकारी दयानंद प्रसाद ने दारागंज थाने में लल्लू जी एंड संस समेत 11 साझेदारों के खिलाफ तहरीर दी थी. इसमें मेसर्स लल्लू जी एंड संस के अलावा रमेश कुमार, जगदीश कुमार, विनोद कुमार, सुनील कुमार, विपुल कुमार, मुकुल कुमार, हिमांशु अग्रवाल, निखिल कुमार, उपांशु अग्रवाल, दीपांशु कुमार अग्रवाल के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर करोड़ों हड़पने की कोशिश करने का आरोप है. 

टेंट सिटी के लिए लल्लू जी को चुना गया ठेकेदार 
तत्कालीन अपर कुंभ मेलाधिकारी की तहरीर के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से देश के इतिहास में सबसे बड़े अस्थाई शहर का निर्माण कराया जाना था. इसके लिए टेंट, टीन, फर्नीचर की जिम्मेदारी लल्लू जी एंड संस को दी गई थी. मेला प्राधिकरण के अफसरों के अनुसार पेमेंट के लिए टेंट कंपनी नें 196.24 करोड़ रुपये के बिल पेश किए. इन्होंने यह बिल 27 फरवरी 2017 से 6 जुलाई 2019 के बीच दिए. 

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ऐसे हुआ खुलासा 
वेरिफिकेशन के दौरान पाया गया कि इनमें से सिर्फ 86.38 करोड़ रुपये के ही बिल सही हैं. बाकी 109.85 करोड़ रुपये बिना तथ्यों के थोप दिए गए हैं. जनवरी 2019 से फरवरी 2019 में अलग-अलग तारीखों के इन बिलों को कुंभ मेला के बाद फर्जी रिकॉर्ड के जरिए बनाया गया. 

इसके बाद 20 जनवरी 2019 को बिना काम कराए प्राधिकरण कर्मचारी के फर्जी साइन कर कार्यालय आदेश के रूप में एक पत्र तैयार किया गया है. गलत बिलों को सपोर्ट करने के लिए टेंट कंपनी और उसके साझेदारों ने अपने प्रतिनिधियों की सेक्टर वाइज लिस्ट भी बनाई. 

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एप्रूव्ड बजट से निकलवा लिए पैसे 
कुंभ मेला-2019 के लिए शासन ने जो बजट एप्रूव किया था, उसमें से टेंट कंपनी ने अलग-अलग डिपार्टमेंट से 171 करोड़ रुपये का भुगतान भी करवा लिया. लेकिन, लालच के चलते लल्लू जी एंड संस ने 109.85 करोड़ रुपये का फर्जी बिल पेश किया जो जांच में गलत पाया गया. इसके लिए एजेंसी की ओर से झूठे सबूत भी बनाए गए. इसलिए अब इन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. 

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