बसपा अध्यक्ष मायावती ने 2024 लोकसभा चुनाव अकेले उतरने का फैसला लिया है. उन्होंने इस फैसले के पीछे की वजह को भी उजागर किया है. उन्होंने कहा है कि गठबंधन से हमें घाटा ही हुआ है. इसलिए हम इस बार चुनाव अकेले लड़ेंगे.
मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए मायवती ने कहा कि सरकार थोड़ा-सा राशन देकर अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रही है. पिछले कुछ वर्षों से केंद्र और राज्य की सरकारों ने धर्म और संस्कृति के आड़ में राजनीति कर लोकतंत्र को कमज़ोर करने का काम किया है.
ईवीएम में धांधली को लेकर आवाज़ें उठने लगी हैं और हमें उम्मीद है कि जल्द ही ईवीएम पर रोक लगेगा."
ईवीएम को लेकर भी मायावती का बयान सामने आया है. उन्होनें कहा है कि "ईवीएम में काफ़ी धांधली हो रही है, इसलिए बीएसपी को नुकसान हो रहा है.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि 90 के दशक में हुए गठबंधन में सपा और कांग्रेस को फ़ायदा मिला था. बीएसपी के नुकसान की एक और वजह मायवती ने सामने रखी है.
हमारी पार्टी गठबंधन न करके अकेले इसलिए चुनाव लड़ती है, क्योंकि पार्टी का नेतृत्व एक दलित के हाथ में है. गठबंधन करने पर बीएसपी का वोट विपक्षी दल को मिल जाता है, लेकिन दूसरों का वोट हमें नहीं मिल पाता.
मायावती ने कहा, "हमने उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर चुनाव लड़ सरकार बनाई है. उसी अनुभव के आधार पर हम आम चुनाव में भी अकेले चुनाव लड़ेगी. हम किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव यही रहा है कि गठबंधन से हमें नुकसान ज्यादा होता है. यही वजह है कि ज्यादातर पार्टियां बीजेपी से गठबंधन करना चाहती है.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन से अपना रास्ता साफ कर लिया है. मायवती का 2024 लोकसभा चुनाव चुनाव को लेकर एक बयान सामने आया है. जिसकी चर्चाएं चारों तरफ हो रही है.