'तेजस' की रफ्तार पर रोक, जानिए देश की पहली कॉर्पोरेट ट्रेन का क्यों हुआ ये हाल?
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'तेजस' की रफ्तार पर रोक, जानिए देश की पहली कॉर्पोरेट ट्रेन का क्यों हुआ ये हाल?

 23 नवंबर से इस ट्रेन में 20 से 25 सीट की बुकिंग हो रही थी. हालांकि ट्रेन की मरम्मत का खर्च तब भी आ रहा था. ऐसे में irctc ने घाटे से बचने के लिए इसे निरस्त कराने की सिफारिश की, जिसे मान लिया गया. 

'तेजस' की रफ्तार पर रोक, जानिए देश की पहली कॉर्पोरेट ट्रेन का क्यों हुआ ये हाल?

लखनऊ: देश में कॉर्पोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस की रफ्तार पर 23 नवंबर से रोक लग रही है. तेज रफ्तार तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत काफी अच्छी रही थी, लेकिन ये ट्रेन कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गई और अब इसका संचालन बंद होने जा रहा है. 

तेजस को नहीं मिल रहे थे यात्री 
इस वीआईपी ट्रेन को बंद करने की वजह इसमें यात्रियों का न आना है. इस ट्रेन में रोजाना 23 नवंबर से सिर्फ 20 से 25 यात्री ही बुकिंग करा रहे थे. ऐसे में IRCTC ने ट्रेन को बंद करने के लिए रेलवे बोर्ड को चिट्ठी लिखी थी. जिस पर एक्शन लेते हुए इसे 23 नवंबर से अगले आदेश तक निरस्त करने का फैसला लिया गया है. 

अक्टूबर 2019 में हुई तेजस की शुरुआत
पिछले साल ही अक्टूबर में देश की इस पहली कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेन तेजस पटरी पर दौड़ी थी. रेलवे के एक्शन प्लान-100 में निजी ऑपरेटर की ट्रेन चलाने की व्यवस्था की गई थी.  मार्च में लॉकडाउन लगने तक तेजस का जलवा बरकरार था. इस ट्रेन ने लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा दिया, सफर के दौरान यात्री के घर का बीमा दिया, ट्रेन में गिफ्ट और ट्रेन होस्टेस की भी सुविधा दी गई. लेकिन अनलॉक के बाद जब ट्रेन शुरु हुई तो उसे लोगों का वैसा रेस्पॉन्स नहीं मिला, जबकि ट्रेन का बुकिंग पीरियड भी 10 दिन कर दिया गया था. 

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अनलॉक में लॉक हो गई ट्रेन 
 23 नवंबर से इस ट्रेन में 20 से 25 सीट की बुकिंग हो रही थी. हालांकि ट्रेन की मरम्मत का खर्च तब भी आ रहा था. ऐसे में irctc ने घाटे से बचने के लिए इसे निरस्त कराने की सिफारिश की, जिसे मान लिया गया. 

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