नगर निगम का कहना है कि बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन की वजह से प्रदूषण काफी होता है, जिसको लेकर कई मकानों पर एक्शन भी लिए जाते हैं.
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लखनऊ: बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से जिला प्रशासन ने एक निर्णय लिया है. बिल्डिंग और सड़क सहित किसी भी निर्माण पर ग्रीन गेट लगाने, एंटी स्मोक गन लगाने, PTZ कैमरे का इस्तेमाल करने और पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा यह खास आदेश है कि पानी के छिड़काव के लिए अंडरग्राउंड पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. इसके लिए पानी नगर निगम मुहैया कराएगा. साथ ही, निर्माण इकाईयों को सेल्फ डस्ट कंट्रोल ऑडिट भी करना होगा.
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कंस्ट्रक्शन की धूल हवा खराब कर रही है
बता दें, सितंबर में पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (PCB) ने एक रिपोर्ट निकाली थी जिसमें यह साफ किया था कि एयर पॉल्यूशन का मुख्य कारण धूल ही है. वहीं नगर निगम का कहना है कि वे प्रदूषण को लेकर बड़े कदम उठा रहे हैं. बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन की वजह से प्रदूषण काफी होता है, जिसको लेकर कई मकानों पर एक्शन भी लिए जाते हैं. साथ ही टूटी सड़कों पर पानी का छिड़काव भी करवाया जाता है जिससे प्रदूषण कंट्रोल किया जा सके.
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