इस खतरनाक वायरस को पाठ्यक्रम में शामिल करने की वजह इस पर शोध कार्यों को बढ़ावा देना है. विश्वविद्यालय इसे दो स्तर में पढ़ाएगा. पहले चरण में COVID-19 की उत्पत्ति और इतिहास के बारे में बताया जाएगा और दूसरे चरण में इसके संचरण और इस पर शोध के बारे में पढ़ाई होगी. कोरोना वायरस के COVID-19 टाइप का अध्ययन बायोकेमिस्ट्री और ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ’ के अंतर्गत किया जाएगा.
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लखनऊ: दुनिया के लिए पहेली बन चुके वायरस COVID-19 कोरोना वायरस को अब जीव विज्ञान के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा. लखनऊ यूनिवर्सिटी के नए सत्र में कोरोना वायरस के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसे छात्रों के लिए क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री के सिलेबस में शामिल किया गया है.
COVID-19 के बारे में दी जाएगी जानकारी
लखनऊ विश्वविद्यालय के बायोकेमिस्ट्री सब्जेक्ट में कोरोना वायरस को शामिल किया जा रहा है. क्लिनिकल बायोकेमिस्ट्री के अंतर्गत छात्रों को कुछ बेहद खतरनाक वायरस जनित बीमारियों के बारे में पढ़ाया जाता है. कोरोना वायरस को इसी सब्जेक्ट के अंतर्गत डेंगू, कॉलरा, एचआईवी एड्स जैसी बीमारियों के साथ रखा गया है.
कोरोना वायरस पर शोध को दिया जाएगा बढ़ावा
इस खतरनाक वायरस को पाठ्यक्रम में शामिल करने की वजह इस पर शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा. विश्वविद्यालय इसे दो स्तर में पढ़ाएगा. पहले चरण में COVID-19 की उत्पत्ति और इतिहास के बारे में बताया जाएगा और दूसरे चरण में इसके संचरण और इस पर शोध के बारे में पढ़ाई होगी. कोरोना वायरस के COVID-19 टाइप का अध्ययन बायोकेमिस्ट्री और ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक हेल्थ’ के अंतर्गत किया जाएगा.
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इसी सत्र से होगी पढ़ाई
यूनिवर्सिटी ने कोरोना वायरस से जुड़ा हुआ सिलेबस भी तैयार कर लिया है. सिलेबस को बोर्ड ऑफ स्टडीज और फैकल्टी बोर्ड की मंजूरी भी मिल गई. नए सत्र से इस विषय की पढ़ाई शुरू हो जाएगी ताकि इस खतरनाक वायरस से जुड़े हुए सभी प्रभावों पर अध्ययन किया जा सके.
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