इंसानी भेजे का सूप पीने वाले नरभक्षी-सीरियल किलर को 25 साल बाद मिलेगी सजा, डबल मर्डर केस में लखनऊ कोर्ट का फैसला आया
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इंसानी भेजे का सूप पीने वाले नरभक्षी-सीरियल किलर को 25 साल बाद मिलेगी सजा, डबल मर्डर केस में लखनऊ कोर्ट का फैसला आया

Lucknow News: 25 साल पहले साल लखनऊ से रीवा जाते समय कार में बैठे छह लोग अचानक लापता हो गए थे. इसमें से दो लोगों की प्रयागराज के शंकरगढ़ में क्षत-विक्षत शव मिला था. डबल मर्डर केस में अब सीरीयल किलर को दोषी ठहराया गया है.   

सांकेतिक तस्‍वीर
सांकेतिक तस्‍वीर

Lucknow Serial Killer Convicted: लखनऊ की एक अदालत ने कुख्‍यात सीरियल किलर को 25 साल बाद दोषी ठहराया है. कोर्ट ने कुख्‍यात सीरियल किलर, नरभक्षी और खोपड़ी संग्रहकर्ता राजा कोलंदर को डबल मर्डर का दोषी ठहराया है. सजा का ऐलान शुक्रवार को किया जाएगा. इसी मामले में राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन और उसके साथी बच्छराज कोल को भी मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की अपहरण और हत्या के आरोप में भी दोषी ठहराया गया है. 

25 साल बाद दोषी ठहराया गया
दरअसल, राजा कोलंदर और उसके साले बच्‍छराज कोल पर 25 साल पहले साल 2000 में डबल मर्डर में आरोपी बनाया गया था. साल 2000 के डबल मर्डर केस में पुलिस ने 21 मार्च 2001 को चार्जशीट दाखिल की, कानूनी अड़चन के चलते सुनवाई मई 2013 में शुरू हुई. अब दोषी ठहराया गया है. शुक्रवार को कोर्ट सजा सुनाएगी. 

लखनऊ से रीवा जाते समय हो गए थे लापता 
बता दें कि शिकायतकर्ता शिव हर्ष सिंह के बेटे मनोज कुमार सिंह और उनका ड्राइवर रवि श्रीवास्तव 24 जनवरी 2000 को लखनऊ से रीवा जा रहे थे. मनोज और रवि ने चारबाग रेलवे स्टेशन के पास से छह यात्रियों को बिठाया, जिनमें एक महिला भी थी. आखिरी बार उनकी लोकेशन रायबरेली के हरचंदपुर में चाय की दुकान पर मिली थी. वहां से वे लापता हो गए. तीन दिन तक जब उनका कोई पता नहीं चला तो नाका थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई. 

प्रयागराज के शंकरगढ़ में क्षत-विक्षत मिला था शव
इसके बाद प्रयागराज के शंकरगढ़ के जंगलों से मनोज और रवि का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था. शिव हर्ष के भाई शिव शंकर सिंह ने गवाही में बताया कि उन्होंने मनोज और रवि से हरचंदपुर में बात की थी. यात्रियों में से एक बीमार लग रहा था. इसके अलावा उन्होंने मनोज की एक भूरी कोट का भी आरोपी के घर से पहचान किया. 

12 लोगों की गवाही ली गई
कोट पर रायबरेली के दर्जी का लेबल था. सरकारी वकील ने बताया कि हमने 12 गवाहों की गवाही ली. इनमें सबसे महत्वपूर्ण शिव शंकर सिंह रहे. उनकी जानकारी से यह स्पष्ट हुआ कि यह अपराध पहले से योजनाबद्ध था. इसमें अपहरण, लूट और हत्या शामिल थी. वहीं, कोर्ट ने राजा कोलंदर उर्फ राम निरंजन और बच्छराज को दोषी पाया है. 

खोपड़ी को इकत्रित कर इंसानी भेजे का पीता था सूप 
गौरतलब है कि राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज को इससे पहले पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट उम्रकैद की सजा सुना चुकी है. राजा कोलंदर के फार्महाउस से 14 मानव खोपड़ियां मिली थीं. इससे राजा कोलंदर के नरभक्षी होने और खोपड़ी का संग्रह करने की बात सामने आई थी. इसके लिए वह सीरियल किलर बन गया था. आरोप है कि वह सिर काटकर ले जाकर वह इंसान के भेजे का सूप बनाकर पीता था. 

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