विकास के इंतजार में लखनऊ का अभिनव मॉडल स्कूल, बजट पास फिर भी निर्माण ठप
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विकास के इंतजार में लखनऊ का अभिनव मॉडल स्कूल, बजट पास फिर भी निर्माण ठप

स्कूल के ऊंची और खूबसूरत बिल्डिंग को देखकर आप शायद ही अंदाजा लगा पाएंगे कि यह एक प्राइवेट नहीं बल्कि सरकारी स्कूल है. लेकिन ये शो बाहर से देखने में जितना ही हाईटेक मालूम पड़ता है. उसके अंदर सुविधाओं की उतनी ही कमी है.

विकास के इंतजार में लखनऊ का अभिनव मॉडल स्कूल, बजट पास फिर भी निर्माण ठप

मयूर शुक्ला\लखनऊ: गांव के हर गरीब बच्चे का सपना होता है कि वो प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई कर सके. लेकिन अगर सोचिए सरकारी स्कूल प्राइवेट से बेहतर हो जाए तो कितनों का सपना पूरा हो जाएगा. लखनऊ के मड़ियांव गांव में वर्ल्ड क्लास सरकारी स्कूल बना है लेकिन हीला हवाली और अनदेखी के चलते उसका निर्माण रुका पड़ा है.

 प्रधानमंत्री का सपना है कि हर एक गांव का बच्चा शत प्रतिशत शिक्षित और देश निर्माण में अपना योगदान दे सके. प्रधानमंत्री के इसी सपने को पूरा करने के लिए यूपी सरकार के खजाने से साल 2016 में 14 करोड़ 53 लाख रुपए राजधानी लखनऊ के मड़ियांव गांव में अभिनव मॉडल स्कूल बनाने के लिए दिए गए. लेकिन, आज 5 साल बीत जाने के बाद भी वो पूरा पैसा स्कूल के निर्माण कार्य में नहीं लग सका है.

स्कूल के अंदर का हाल बेहाल 
स्कूल के ऊंची और खूबसूरत बिल्डिंग को देखकर आप शायद ही अंदाजा लगा पाएंगे कि यह एक प्राइवेट नहीं बल्कि सरकारी स्कूल है. लेकिन ये शो बाहर से देखने में जितना ही हाईटेक मालूम पड़ता है. उसके अंदर सुविधाओं की उतनी ही कमी है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का कहना है कि उनका स्कूल तो बहुत खूबसूरत है लेकिन अंदर कुर्सी मेज और जरूरी सामग्रियों की कमी है अगर वह कमी पूरी कर दी जाए तो उनके स्कूल से बेहतर और कोई स्कूल नहीं है.

प्लस टू तक करने की मांग 
जो मांग इन बच्चों की है वही मांग इनके अभिभावकों की भी है उनका कहना है इस स्कूल को कक्षा 8 से बढ़ाकर 12 तक कर दिया जाए ताकि आगे की पढ़ाई के लिए उनके बच्चों को दूरदराज ना जाना पड़े. साथ ही इस स्कूल में शिक्षकों की भी कमी है जिसको लेकर अभिभावकों में चिंता है कि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को आखिर सिर्फ 2 शिक्षक कैसे पढ़ा सकते हैं उनकी मांग है कि शिक्षकों की संख्या भी बढ़नी चाहिए.

ज़ी मीडिया की खबर का दिखा असर 
इस स्कूल के रुके हुए निर्माण के बारे में जब हमने मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक प्रताप नारायण सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि वो इस स्कूल के निर्माण के लिए अग्रसर हैं कई बार शासन को पत्र भी लिखा जा चुका है और अब ज़ी मीडिया की खबर के बाद वो युद्धस्तर पर इस स्कूल के निर्माण के लिए लगेंगे.

इतना खूबसूरत स्कूल होने के बावजूद आखिर इसकी अनदेखी क्यों हो रही है बजट पास होने के बावजूद भी इसका निर्माण क्यों रुका हुआ है। इसी स्कूल के परिसर में पुराना सरकारी स्कूल भी स्थित है जिसको गिरा कर लाइब्रेरी, वॉलीबॉल कोर्ट, ऑडिटोरियम और खेल का मैदान बनना है. लेकिन, कई बार एप्लीकेशन दिए जाने के बाद भी उसके आगे का निर्माण नहीं हो पा रहा है. जहां एक तरफ गांव गांव अच्छी शिक्षा पहुंचाने की बात होती है. वहीं, दूसरी तरफ अच्छा स्कूल होने के बावजूद उसमें सुविधाएं नहीं दी जा रही ऐसे में जरूरी यह है टी एस स्कूल का रुका हुआ निर्माण पूरा हो और बच्चों को प्राइवेट स्कूल जैसी सुविधाएं मिल सकें.

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