Fraud In AKTU: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी के 120 करोड़ रुपये पार करने के मामले में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने फैजाबाद से अनुराग श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया है. उस पर आरोप है कि फर्जी कागजात के आधार पर बैंक में खाता खोलकर यूनिवर्सिटी को 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे.
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Lucknow News: राजधानी में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी ( AKTU) के फर्जी कागजात के आधार पर बैंक में खाता खोलकर यूनिवर्सिटी के 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाने वाला मास्टरमाइंड अनुराग श्रीवास्तव को फैजाबाद से गिरफ्तार किया कर लिया है. अनुराग अपने 7 साथियों के साथ मिलकर बीते 12 जून को ठगी की थी. जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस ने 7 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.
इन लोगों को किया था गिरफ्तार
1. मरौली सूरत गुजरात के रहने वाले देवेंद्र जोशी
2. अहमदाबाद के रहने वाले उदय पटेल
3. उन्नाव, यूपी के रहने वाले राजेश बाबू
4. बीकेटी लखनऊ के गिरीश चंद्र
5. महानगर लखनऊ के शैलेश कुमार रघुवंशी
6. मुसाफिर खाना अमेठी के रहने वाले दस्तगीर आलम
7. गांधीनगर बस्ती के रहने वाले कृष्णकांत इन सबको गिरफ्तार किया था.
साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि ठगी को अंजाम देने के बाद से अनुराग मोबाइल बंद कर अंडरग्राउंड हो गया था. सर्विलांस की मदद से उसको ट्रेस कर अयोध्या के कांधारी बाजार इलाके से गिरफ्तार किया गया. वह मूलरूप से बस्ती के हरैया इलाके का रहने वाला है.
बैंक मैनेजर के नाम पर बनवाया विजिटिंग कार्ड
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि जेल भेजे गए आरोपियों की मदद से फर्जी दस्तावेज बनाकर फेक खाता खुलवाया था. उसके बाद बैंक मैनेजर अनुज कुमार सक्सेना के नाम से एक विजिटिंग कार्ड बनवाया था. जिसमें अपना मोबाइल नंबर व बैंक के नाम से खुद बनाई गई ई-मेल को उसमें था. उसी की मदद से वह विवि के अफसरों से मिला. विवि के अफसरों और बैंक के कर्मचारियों को जाल में फंसाकर ठगी को अंजाम दिया था.
यूनियन बैंक के खाते में पैसे ट्रांसफर
बैंक मैनेजर के मुताबिक, 5 जून को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अधिकृत बैंक खाते से यूनियन बैंक के खाते में 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए. उसी दिन खुद को यूनिवर्सिटी का वित्त अधिकारी बताने वाले जय कुमार का आदमी अनुराग श्रीवास्तव बैंक आया और मुख्य खाता अधिकारी बताते हुए यूनिवर्सिटी के कुछ फर्जी कागजात के आधार पर यूनिवर्सिटी के नाम से एक अकाउंट खुलवायास था.
120 करोड़ गुजरात के ट्रस्ट में ट्रांसफर
तभी एक चेक बुक भी इशू करवा लिया. इसके बाद धीरे-धीरे पूरे 120 करोड़ रुपए गुजरात की श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में खाते ट्रांसफर कर दिए गए. जब बैंक में 120 करोड़ रुपए कम पाए गए तो इस पूरे लेनदेन की जांच करवाई गई. बैंक को मामला संदिग्ध लगा. इसके बाद बैंक मैनेजर अनुज सक्सेना ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई.
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