कोरोना की तीसरी लहर से पहले तैयार होंगे बच्चों के डॉक्टर, 52 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स को ट्रेनिंग
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कोरोना की तीसरी लहर से पहले तैयार होंगे बच्चों के डॉक्टर, 52 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स को ट्रेनिंग

केंद्र सरकार के निर्देश पर देश भर में बाल रोग चिकित्सकों को विशेष रूप से ट्रेनिंग करने की योजना तैयार की गई है. प्रदेश के 52 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स को दी जा रही है ट्रेनिंग 

प्रतीकात्मक फोटो

मयूर शुक्ला/लखनऊ: सबसे खतरनाक मानी जा रही कोरोना की तीसरी लहर से जंग की तैयारी शुरू हो गई है. केंद्र सरकार के निर्देश पर देश भर में बाल रोग चिकित्सकों को विशेष रूप से ट्रेनिंग करने की योजना तैयार की गई है. उत्तर प्रदेश ने इस मामले में अन्य राज्यों से एक कदम आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई भी शुरू कर दी है. 

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हर बैच में 60 से 80 बाल रोग विशेषज्ञ को किया जाएगा प्रशिक्षित
आज से (सोमवार) ही प्रदेश के मेडिकल कालेजों में तैनात बच्चों के डाक्टरों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू हो रहा है. सबसे पहले प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज के 27 डॉक्टर को ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद हर बैच में 60 से 80 बाल रोग विशेषज्ञ को प्रशिक्षित किया जाएगा. 

52 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स को ट्रेनिंग
केजीएमयू, एसजीपीजीआई (SGPGI) मिलकर प्रदेश के 52 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स को ट्रेनिंग देंगे. एसजीपीजीआई के निदेशक डॉक्टर आरके धीमन ने कहा 2 से 18 वर्ष तक के बच्चे इस बार हाई रिस्क पर हैं. उन्हें कोविड संक्रमण से बचाने के लिए अभी से मजबूत तैयारी करनी होगी. 

समझाई जाएंगी उपचार की बारीकियां
सभी शिशु और बाल रोग विशेषज्ञ को तकनीकि और कोविड प्रोटोकॉल और उसके उपचार की बारीकियों को समझाना होगा, इसलिए ये काम जल्दी शुरू कराया जा रहा है. प्रदेश भर में पीडियाट्रिक आइसीयू संचालन में इन प्रशिक्षित डाक्टरों की भूमिका सबसे अहम होगी.

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